कम दबाव से जलापूर्ति के चलते पानी लोगों के घरों के अंदर नहीं पहुंच पाता। सड़क तक जरुर पानी कुछ ज्यादा दबाव से आता है। वहां भी सड़क के नीचे पानी का प्रेशर कुछ ज्यादा रहता है। ऐसे में पानी के लिए लोगों ने घरों के आगे सड़क पर करीब दो फीट नीचे तक कुंडियां खोद पानी भरने का तरीका इजाद कर रखा है।
ये कुंडियां करीब दो फीट नीचे होने से लोगों को इनमें झुककर पानी भरना होता है। जलापूर्ति के दौरान कई बार झुकने के चलते लोगों को पीठ व कमर की कई बीमारियां भी घेर लेती हैं। शहर के इन इलाकों में यह समस्या काफी वर्षों से है। प्रशासन व विभाग के अधिकारी इन गलियों की दशा देख सिर्फ अफसोस ही करते हैं।
सिकुड़ गईं सड़कें
हर घर के आगे कुंडियोंं के चलते पुराने शहर के कई मोहल्ले की सड़कें व गलियां सिकुडऩे लगी हैं। आलम यह है कि वाहनों के निकलने के दौरान भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई गलियों की हालत तो इतनी खराब है कि दो या दो से अधिक दुपहिया वाहन आने के बाद तो एक वाहन को रुककर दूसरे के निकलने का इंतजार करना होता है। गोपालगंज, पालीवाल गली, पारखों की गली, कामलियों की गली, जैन स्थानक के सामने, झण्डा गली, सालमपुरा इलाकों में कमोबेश यही स्थिति है।
कोई समाधान नहीं
कम दबाव से जलापूर्ति की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए लोगों ने कई बार जलदाय विभाग सहित प्रशासन को शिकायत की। कई बार जनप्रतिनिधियों व उच्चाधिकारियों को ज्ञापन सौंपे लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है। विभाग के पास नई पेयजल पुनर्गठन योजना के बाद समस्या समाधान की बात के अलावा कोई जवाब नहीं है।
काफी मुश्किल होती है
पानी का प्रेशर इतना कम होता है कि पानी सड़क पर ही छूट जाता है और घरों के अंदर तक नहीं पहुंच पाता। ऐसे में मजबूरन कुंडियों में झुककर पानी भरना पड़ता है। जिसमें काफी मुश्किल होती है।
मोहन शर्मा, निवासी पालीवाल गली
कमर दर्द हो जाता है
सड़क पर बनाई कुण्डियों से पानी भरने के लिए काफी झुकना पड़ता है। झुक-झुक कर कमर में दर्द होने लगता है। पानी के लिए इतने जतन करना काफी कष्टप्रद है। इस ओर ध्यान देना चाहिए।
विनोद वैष्णव, निवासी गोपालंगज