एक्सरे मशीनें खराब, मोबाइल मशीन से चला रहे काम
प्रतापगढ़.जिले में उपचार के सबसे बड़े केन्द्र जिला चिकित्सालय में दोनों एक्सरे मशीनें खराब होने से मोबाइल मशीन का सहारा लेना पड़ रहा है। इसका सीधा दुष्प्रभाव मरीजों पर पड़ रहा है। मोाबाइल एक्स.रे मशीन से एक्सरे करने पर मरीजों को रेडिएशन का अधिक खतरा रहता है। वहीं फिल्मों का भी अभाव है तो कर्मचारी भी महज एक ही कार्यरत है। ऐसे में जिला चिकित्सालय में एक्सरे विभाग रामभरोसे चल रहा है।
एक्सरे मशीनें खराब, मोबाइल मशीन से चला रहे काम
..डिजिटज एक्सरे मशीन भी तीन माह से बंद
..मरीजों को रेडिएशन का बढ़ा खतरा
प्रतापगढ़.
जिले में उपचार के सबसे बड़े केन्द्र जिला चिकित्सालय में दोनों एक्सरे मशीनें खराब होने से मोबाइल मशीन का सहारा लेना पड़ रहा है। इसका सीधा दुष्प्रभाव मरीजों पर पड़ रहा है। मोाबाइल एक्स.रे मशीन से एक्सरे करने पर मरीजों को रेडिएशन का अधिक खतरा रहता है। वहीं फिल्मों का भी अभाव है तो कर्मचारी भी महज एक ही कार्यरत है। ऐसे में जिला चिकित्सालय में एक्सरे विभाग रामभरोसे चल रहा है।
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यूं पड़ी बंद::::::
सादा एक्सरे मशीन के बजाय डिजिटल एक्सरे मशीन से बेहतर एक्सरे होते है। इसमें प्रमुखतया मरीजों को रेडिएशन कम होता है। वहीं सादा एक्सरे की तुलना में डिजिटल एक्सरे से लगभग 90 प्रतिशत साफ आते है। जिससे महीन फ्रेक्चर भी साफ दिखता है। ऐसे में करीब 2 माह पूर्व नई 500 एमएएस की एक्सरे करने वाली डिजिटल मशीन मंगवाई गई थी। जो आने के कुछ समय बाद ही खराब हो गई। बताया गया कि मशीन खराब होने के कारणों में से एक कारण ज्यादा वर्क लोड है। वर्क लोड के कारण मशीन हीट जनरेट करती है। जिसके लिए एसी चाहिए होता है। लेकिन डिमांड करने के बाद भी एसी उपलब्ध नहीं करवाया गया और मशीन खराब हो गई। वहीं गत एक माह से मुख्य एक्सरे मशीन में भी खराबी आ गई है। जिससे मोबाइल एक्सरे का जुगाड़ कर काम चलाया जा रहा है।
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एक कर्मचारीए तीन मशीन——
चिकित्सालय में एक्सरे विभाग में मात्र एक ही कर्मचारी कार्यरत है। वहीं एक्सरे मशीनें तीन है। अभी मुख्य और डिजिटल एक्सरे मशीनें खराब है। इससे मोबाइल एक्सरे मशीन से काम चला रहे है। दोनों मशीनें दुरुस्त होने पर और कर्मचारियों की आवश्यकता रहती है। यहां और कर्मचारी लगाने के लिए गत एक वर्ष से आवाज उठाई जा रही है। लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जबकि आरएमएसआरए मुख्यमंत्री जांच योजना या कांटेक्ट के आधार पर कर्मचारियों की भर्ती की जा सकती है।
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1500-1700 एक्सरे प्रतिमाह=====
जिला चिकित्सालय में औसतन माह के करीब 1500-1700 एक्सरे होते है। हालांकि कोरोना के कारण अभी यह आंकड़ा कम हो गया है। अभी यहां 1000-1200 के एक्सरे किए जा रहे है।
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कोरोना वार्ड में भी ड्यूटीए लगातार दो माह से सेवाएं
यहां एक ही कर्मचारी कार्यरत है। जो गत 2 माह से बिना अवकाश के सेवाएं दे रहा है। जबकि दूसरे सभी कर्मचारियों को प्रत्येक 6 दिन बाद साप्ताहिक अवकाश दिया जाता है। कोरोना वार्ड से संबंधित चिकित्साकर्मियों को 14 दिन ड्यूटी के बाद 14 दिन के होम आइसोलेशन के लिए रखा जा रहा है। जबकि यहां कार्यरत कर्मचारी मोबाइल एक्सरे मशीन से कोरोना वार्ड में एक्सरे करने जाता हैए लेकिन उसे भी ना तो अवकाश दिया जा रहा है और ना ही होम आइसोलेशन किया जा रहा है।
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उच्चाधिकारियों को करा रखा है अवगत
यहां मशीनें खराब होने की समस्या को लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत करा रखा है। कर्मचारी की कमी भी बताई है। फिलहाल कोई निर्देश नहीं मिले हैं। व्यवस्थाओं में शीघ्र सुधार करवाया जाएगा।
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डॉ.ओ पी दायमा
प्रमुख चिकित्साधिकारी, जिला चिकित्सालय प्रतापगढ़