बतादें कि बाबूगंज बाजार में पान की दुकान चलाने वाले मो० मुस्तकीम (55) प्रधान पति मो. नवाब का बड़ा भाई था। वो हर रोज पान की दुकान बंद करके घर जा रहा था। रास्ते में ही पहले बदमाशों ने उसे रोककर गोलियां से हमला किया। बाद में बेरहमी से उसका गला रेतकर उसे मौत के घाट उतार दिया। सूचना मिलने पर परिजनों ने घटना की जानकारी इलाकाई पुलिस को दी , मौके पर पहुंचे जेठवारा व लालगंज कोतवाल सहित दो थानों की फोर्स ने लोगों को समझाना बुझाना शुरू किया। लेकिन इस घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों का हंगामा कम नहीं हो रहा है। पुलिस पोस्टमार्टम कराने के लिए जैसे शव को लेने के लिए बढ़ी गांव के लोगों ने शव ले जाने से रोक दिया। इतना ही नहीं पुलिस प्रशासन के खिलाफ लोगों ने जमकर नारेबाजी शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि जबतक मौके पर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक नहीं पहुंच जाते तब तक शव को नहीं ले जाने दिया जायेगा।
हालांकि पूरे मामले में अब तक ये जानकारी नहीं मिल सकी है कि आखिरकार किस वजह से इस घटना को अंजाम दिया गया है। लेकिन कुछ लोग इस बात का अंदेशा जता रहे हैं कि गांव में प्रधानी की राजनीति को लेकर कुछ लोगों की नजर में प्रधान का परिवार खटक रहा था। इसलिए पुलिस इस हत्या को राजनीति से भी जोड़कर देख रही है।