बताते चलें कि मुहर्रम का त्योहार आते ही राजा भइया के पिता शेखपुरा आशिक गांव में हनुमान मंदिर पर भंडारा का आयोजन करते हैं। भंडारा के दौरान ही वहां से 10वीं मुहर्रम का जुलूस गुजरता है। कुछ साल पहले कोर्ट ने भंडारे पर रोक लगा दी, और भंडारा नहीं हो पाया। इस बार भी कुंडा कोतवाली क्षेत्र के शेखपुरा आशिक गांव में हनुमान मंदिर पर नौ से 12 सितम्बर तक हनुमान चालीसा व भंडारे के आयोजन की अनुमति मांगी, जिसे प्रशासन ने देने से इनकार कर दिया।
इसे लेकर राजा भइया के पिता की ओर से हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में वाद दायर कर अनुमति मांगी थी। छह सितंबर को कोर्ट की ओर से मांगी गयी आख्या पर डीएम ने रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया कि हर बार मुहर्रम के दिन ही हनुमान चालीसा व भंडारे के आयोजन की कोशिश की जाती है। इस बार भी 10 सितम्बर को 10वीं मुहर्रम के दिन ही भंडारा कराने की कोशिश की जा रही है। डीएम ने जो रिपोर्ट भेजी उसमें लिख दिया कि हनुमान चालीसा पाठ और भंडारे की यह अनुमति देना उचित नहीं।
इसके बाद प्रशासन ने फैसला लेते हुए पिछले बार की तरह इस बार भी राजा भइया के पिता समेत कुछ लोगों को नजरबंद करने की कार्रवाई की है। राजा उदय प्रताप सिह समेत ऐसे आधा दर्जन लोगों को चिन्हित कर नजरबंद करने की कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा सीओ की मानें तो पुलिस कुछ लोगों को पाबंद करने की कार्रवाई भी करेगी। ऐसे लोगों की सूची तैयार की जा रही है।
मुहर्रम के दिन किसी टकराहट की आशंका को देखते हुए शेखपुरा आशिक गांव के हनुमान मंदिर पर सुरक्षा के लिहाज से 24 घंटे पुलिस तैनात कर दी गयी है। शिफ्ट वाइज ड्यूटी लगाई गयी है और कोतवाली पुलिस भी शेखपुरा आशिक गांव में लगातार गश्त कर रही है। पुलिस वहां पल-पल की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है।
By Sunil Somvanshi