चन्द्रशेखर उर्फ रावण के खिलाफ आरोप था कि उसने हिंसा भड़कायी जिस कारण मौत हुई। रासुका में निरूद्धि के खिलाफ हाईकोर्ट ने 26 अप्रैल को निर्णय सुरक्षित कर लिया था। न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा व न्यायमूर्ति बी.के.सिंह ने आज इस मामले में निर्णय सुनाते हुए रावण की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि चूकि रासुका के अन्तर्गत डीएम द्वारा पारित रावण की निरूद्धि आदेश में कोई गलती नहीं है। इस कारण रासुका आदेश के खिलाफ याचिका खारिज की जाती है।
कोर्ट ने कहा कि याची के खिलाफ संबंधित अधिकारियों द्वारा की गयी कार्रवाई नियमानुसार है। मालूम हो कि एक समूह महाराणा प्रताप जयंती में शामिल होने सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में 5 मई को जा रहे थे। उसी समय दलित समुदाय के कुछ लोगों ने इसका विरोध किया था। परिणाम स्वरूप हिंसा भड़की थी और उसमें एक की मौत हो गयी तथा पुलिस समेत कई लोग घायल हो गए। इस घटना को लेकर बाद में चन्द्रशेखर उर्फ रावण की गिरफ्तारी पिछले साल एसटीएफ ने 8 जून को हिंमाचल प्रदेश से की थी।
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