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प्रयागराज

महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत मामले में एक और बड़ा खुलासा, आनंद गिरि के खिलाफ नहीं लिखाया गया था केस

मुख्य आराेपी बनाए गए स्वामी आनंद गिरि के खिलाफ जिस अमर गिरि व पवन महाराज के हस्ताक्षर से जो एफआईआर दर्ज कराई गई है। दोनों उससे मुकर गए हैं। दोनों ने हाईकोर्ट में हलफानामा दाखिल करके बताया है कि आनंद गिरि के खिलाफ उन्होंने एफआईआर दर्ज नहीं कराई है। इसके साथ उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि सादे कागज पर हस्ताक्षर लिया गया था। एफआईआर से जुड़ी तहरीर को लेकर कोई जानकारी नहीं थी।

प्रयागराजAug 12, 2022 / 02:18 pm

Sumit Yadav

महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत मामले में एक और बड़ा खुलासा, आनंद गिरि के खिलाफ नहीं लिखाया गया था केस

महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत मामले में एक और बड़ा खुलासा, आनंद गिरि के खिलाफ नहीं लिखाया गया था केस

प्रयागराज:अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत मामले में एक बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। 11महीने से जेल में बंद आरोपी आनंद गिरि के खिलाफ केस लिखाने की बात झूठी साबित हुई है। मुख्य आराेपी बनाए गए स्वामी आनंद गिरि के खिलाफ जिस अमर गिरि व पवन महाराज के हस्ताक्षर से जो एफआईआर दर्ज कराई गई है। दोनों उससे मुकर गए हैं। दोनों ने हाईकोर्ट में हलफानामा दाखिल करके बताया है कि आनंद गिरि के खिलाफ उन्होंने एफआईआर दर्ज नहीं कराई है। इसके साथ उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि सादे कागज पर हस्ताक्षर लिया गया था। एफआईआर से जुड़ी तहरीर को लेकर कोई जानकारी नहीं थी।
बलबीर गिरि ने लिया था सादे कागज में हस्ताक्षर

अमर गिरि व पवन महराज ने जानकारी दी है कि श्री मठबाघम्बरी गद्दी के महंत बलवीर गिरि की ओर से सादे पेपर में यह कहकर हस्ताक्षर लिया गया कि मठ में जो कमरा बंद है उसे खुलवाने के लिए प्रार्थना पत्र देना है। बाद में उसी पेपर में अपनी मंशा के अनुरूप बातें लिखकर आनंद गिरि के खिलाफ कोर्ट में पेश किया गया। लेकिन दोषी को सजा मिलनी चाहिए। कोर्ट में हलफनामा देने के बाद से मुझे बड़े हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक पद से हटा भी दिया गया है।
मुकदमा वापस लेने के लिए दाखिल किया गया हलफनामा

शिकायतकर्ता महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य अमर गिरि ने हलफनामा दाखिल कर कहा है कि व एफआईआर पर बल नहीं देना चाहते। विचारण अदालत में हलफनामा दाखिल करेंगे कि केस वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि वह घटना के वक्त बड़े हनुमान मंदिर में थे। सूचना मिलने पर बाघंबरी गद्दी आये। उन्होंने केवल महाराज जी के शरीर पूरा होने यानी निधन की सूचना दी। उन्होंने मुकदमा लिखाने के लिए तहरीर नहीं दी थी। उनसे सादे कागज पर दस्तखत कराया गया था। वह एफआईआर पर कार्रवाई नहीं चाहते हैं। इस मामले में 18 अगस्त को बहस कोर्ट में होगी।
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जेल में बंद है आनंद गिरि

जानकारी के अनुसार 20 सितंबर 2021 को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि अल्लापुर स्थित श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के अतिथि कक्ष में फंदे पर लटके मिले थे। सुसाइड नोट के आधार पर आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी के खिलाफ रिपोर्ट लिखी गई थी। तब से आनंद गिरि जेल में बंद हैं। सीबीआइ ने घटना की विवेचना करने के बाद चार्जशीट दाखिल कर दी है। वर्तमान समय इलाहाबाद में हाई कोर्ट में आनंद गिरि की जमानत अर्जी पर सुनवाई चल रही है।
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