ये भी पढ़ें- इलाहाबाद हाईकोर्ट में 10 लाख से ज्यादा पेंडिंग केस, कोरोना संकट के कारण बढ़ रहा मुकदमों का बोझ यह था मामला- दरअसल अलीगढ़ की गीता नामक विवाहित महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि वह अपनी मर्जी से पति को छोड़ कर दूसरे व्यक्ति के साथ रह रही है। पति और उसके परिवार के लोग उसके शांतिपूर्ण जीवन में हस्तक्षेप कर रहे हैं। इसलिए उनको ऐसा करने से रोका जाए और याची को सुरक्षा दी जाए। कोर्ट ने कहा कि याची वैधानिक रूप से विवाहित महिला है।
ये भी पढ़ें- कोविड संबंधित मामले में अब कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली बेंच करेगी सुनवाई कोर्ट ने कहा कि जिस किसी भी कारण से वह अपने पति से अलग होकर दूसरे व्यक्ति के साथ रह रही है क्या इस स्थिति में उसे अनुच्छेद 21 का लाभ दिया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि यदि महिला के पति ने प्रकृति विरुद्ध अपराध किया है (377 आईपीसी के तहत) मगर महिला ने इसके खिलाफ कभी प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई है। कोर्ट ने संरक्षण देने से इंकार करते हुए याची पर पांच हजार रुपये हर्जाना लगाया और हर्जाने की रकम राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराने का निर्देश दिया है।