दरअसल अब बड़ा विवाद खाकचौक समिति को जमीन के आवंटन का है। खाकचौक समिति ने साफ कर दिया है कि वह संगम के किनारे जिस स्थान पर परंपरागत रूप से बसता आया है वहीं शिविर लगाएगा। खाकचौक समिति के महामंत्री महामंडलेश्वर संतोष दास सतुआ बाबा ने कहा है कि संगम और उसके आसपास जहां भी जमीन है वहीं जमीन आवंटित की जाए। प्रशासन अगर इससे अलग स्थान पर जमीन देता है तो खाकचौक कुंभ में अपना शिविर नहीं लगाएगा। कुंभ क्षेत्र में गंगा की धारा बदलने और गंगा-यमुना के संगम स्थल के बदलने से अखाड़ों और धार्मिक संगठनों को दी जाने वाली जमीन की जगह बदलने की संभावना है। इसी आशंका में खाक चौक समिति ने प्रशासन को चेतावनी दी है।
इस बीच, समिति और प्रशासन के बीच समझौता करवाने के लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद भी आगे आया है लेकिन बात नहीं बनी है। परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा है कि मेला प्रशासन सभी साधु-संतों का सम्मान करेगा, लेकिन जमीनी हकीकत देखते हुए प्रशासन का सहयोग करना चाहिए। जबकि खाकचौक समिति ने कहा है कि अगर उन्हें पुरानी जगह पर जमीन नहीं दी गई तो खाकचौक के साधु-सन्यासी गंगा पूजन करने के बाद वापस चले जाएंगे और कुंभ स्नान में शामील नहीं होंगे।