प्रयागराज

नागाओं की रहस्यमय दुनिया का सबसे बड़ा खुलासा, पिंडदान के बाद भी यहां नहीं छुपा पाते हैं असली पहचान

साधु बनते हैं मिल जाता है नया नाम, दुनिया से छिपी रहती है इनकी गतिविधियां

प्रयागराजFeb 11, 2019 / 02:36 pm

Devesh Singh

Naga Sadhu

देवेश सिंह
प्रयागराज. नागाओं की रहस्यमय दुनिया में कई ऐसे राज छिपे हुए हैं जो लोगों को पता नहीं चलते है। महादेव की भक्ति में डुबे इन नागाओं की जिंदगी बेहद दिलचस्प होती है। नागा बनने से पहले खुद अपने हाथों से पिंडदान कर परिजनों से नाता तोडऩा पड़ता है। अखाड़ों में शामिल होने के बाद नया नाम मिलता है, जिसके बाद उनकी पुरानी पहचान खत्म हो जाती है। सभी नागाओं की वेशभूषा एक जैसी होती है इसलिए कोई उन्हें पहचान नहीं सकता है। नागाओं की दुनिया का एक सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। नागाओ के नहीं चाहने के बाद भी उनकी सही पहचान यहां पर दर्ज रहती है।
यह भी पढ़े:-कुंभ में इन बेटियों को बचाने के लिए शुरू हुआ जागरूकता अभियान


नागाओं का अपना नियम-कानून होता है। कुंभ में शाही स्नान करने के बाद नागा वापस चले जाते हैं। हिमालय पर तप करने के साथ नागा ऐसी जगहों पर रहने जाते हैं जहां पर आम लोगों का उनसे मिलना कठिन हो जाता है। आम आदमी जब नागा के बारे में सोचता है तो उसके दिमाग में महादेव की ऐसे भक्त की छवि सामने आती है जो निवस्त्र होकर भस्म लपेटे हुए आराधना में जुटे रहते हैं। लेकिन इस बात की जानकारी किसी को नहीं होगी कि नागा भी अपना आधार कार्ड बनाते हैं। आम लोगों के लिए अपनी पहचान दर्ज कराने के जितने दस्तावेज होते हैं उतने दस्तावेज नागा के पास भी रहते हैं। नागा अपने पास आधार कार्ड रखते हैं और अधिकांश नागा के कार्ड पर सही जानकारी दर्ज होते हैं। पत्रिका ने जब एक नागा से इस संदर्भ में बात की तो उसने आपना आधार कार्ड दिखाया और कहा कि इसकी फोटो नहीं छपनी चाहिए।
यह भी पढ़े:-कुंभ मेले में घुम कर सूखी रोटी व चावल जुटा रहा गरीब परिवार, अपनों का नहीं इनका भरेगा पेट
नये नाम से बनाते हैं आधार कार्ड तो देते हैं शपथ पत्र
कुछ नागा ऐसे होते हैं जो नये नाम से अपना आधार कार्ड बनाते हैं। नागाओं की साधना व नियमों को देखते हुए नये नाम से आधार कार्ड बन जाता है लेकिन उसके पहले उन्हें शपथ पत्र देना होता है कि मेरा यह वास्तविक नाम है लेकिन नागा बनने के नियमो के चलते नये इस नाम से आधार कार्ड बनाना पड़ रहा है इसके बाद ही उनका नये नाम से आधार कार्ड बनता है। यह सुविधा सिर्फ नागा को ही मिल पाती है क्योंकि उनकी आराधना से जुड़े नियमे अलग होते हैं।
यह भी पढ़े:-भगवान श्रीराम वनवास में खाते थे यह फल, कुंभ से पता चल रही यह खास कहानी
नागा रखते हैं अन्य दस्तावेज
नाम न छापने की शर्त पर नागा ने बताया कि हम लोग पढ़ाई एंव अन्य चीजों से जुड़े दस्तावेज भी साथ रखते हैं लेकिन किसी को दिखाते नहीं है। जबकि कुछ नागा ऐसे हैं जो अपने पास कोई दस्तावेज रखना नहीं चाहते हैं। कठिन तप व दिनचर्या के सहारे नागा इतनी ताकत जुटा लेते हैं जो आम आदमी से उन्हें अलग कर देता है लेकिन आधार कार्ड ऐसी चीज है जिसे बनवाने के लिए नहीं चाहते हुए भी नागाओं को अपनी पुरानी पहचान दर्ज करानी होती है यही ऐसा दस्तावेज है, जिसके रिकॉर्ड नागा की सही पहचान बता सकते हैं।
यह भी पढ़े:-नितिन गडकरी ने बढ़ाया डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या का कद, बीजेपी में मचेगा हड़कंप

Home / Prayagraj / नागाओं की रहस्यमय दुनिया का सबसे बड़ा खुलासा, पिंडदान के बाद भी यहां नहीं छुपा पाते हैं असली पहचान

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.