जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने यूपी सरकार को एक योजना बनाने का भी निर्देश दिया है ताकि वर्तमान में मदरसों में पढ़ रहे छात्रों को औपचारिक शिक्षा प्रणाली में समायोजित किया जा सके। यह फैसला यूपी सरकार की राज्य में इस्लामी शिक्षा संस्थानों का सर्वेक्षण करने के फैसले के कई महीनों बाद आया है। इसमें विदेशों से मदरसों के फंडिंग की जांच के लिए अक्टूबर 2023 में एक एसआईटी का गठन भी किया गया था।
अंशुमान सिंह राठौड़ द्वारा दायर रिट याचिका पर इलाहबाद हाईकोर्ट का यह फैसला आया, जिसमें यूपी मदरसा बोर्ड की शक्तियों को चुनौती दी गई। साथ ही भारत सरकार और राज्य सरकार और अन्य संबंधित अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा मदरसा के प्रबंधन पर आपत्ति जताई गई।