होंगे पत्थर
मौजूदा डिजाइन के आधार पर अभी तक केवल वॉक-वे विकसित किया जाना था। इसमें करौली या जोधपुरी पत्थर लगता लेकिन अब साइकिल ट्रैक के लिए दूसरे पत्थर या टाइल लगाई जाएंगी। इस पर लागत कुछ बढ़ सकती है। हालांकि इसका वास्तविक आंकलन एक-दो सप्ताह में होगा।
यहां किराए पर साइकिल उपलब्ध कराने पर भी विचार चल रहा है। इस पर चर्चा तो हुई लेकिन अंतिम निर्णय नहीं हो पाया। प्रोजेक्ट निर्माण के दौरान ही इस बारे में काम होगा। अभी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में बायसाइकिल स्टेंड विकसित किए जा रहे हैं। इन साइकिलों को भी देखा जाएगा।
टाउन स्क्वायर : व्यवसायिक गतिविधियों का संचालन, बड़े व्यापारियों व कंपनियों के लिए
कल्चरल प्लाजा : पर्यटकों की आवाजाही के आधार पर विकसित। एक समय में 5 से 10 हजार लोग एक साथ आ-जा सकें
कॉमर्शियल पार्क : शॉपिंग, वर्कशॉप, एग्जीबिशन, कैफे, रेस्टोरेंट
फैशन स्ट्रीट : हैंगआउट इलाके की तर्ज पर सुविधाएं। कियोस्क रूप में दुकानें, कैफे व रेस्टोरेंट
इको पार्क : हरित तकनीक पर आधारित पार्क, जिनमें सौर ऊर्जा, जल प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को बेहतर समझ सकेंगे
जॉगिंग पार्क : आवासीय इलाके से सटे हिस्से में पार्क में जॉगिंग ट्रेक होगा। पालतू छोटे जानवर को घुमाने के लिए अलग से हिस्सा
सामुदायिक उद्यान : योग, संगीत के साथ सैर करने के लिए मीडियम क्षेत्रफल का उद्यान
नेचर ट्रेल : द्रव्यवती नदी से सटे हुए हिस्से को इस तरह विकसित किया जाएगा
लोटिंग गार्डन : प्रोजेक्ट का एतिहासिक हिस्सा। अस्थाई उद्यान विकसित होगा, जिसमें पानी से जुड़ी कई गतिविधियां होंगी
– 1476 करोड़ रुपए लागत से होना है सौन्दर्यकरण का काम
– 206 करोड़ रुपए १० साल में खर्च होने हैं रखरखाव पर
– 300 करोड़ का काम हुआ है अब तक
– 44 करोड़ रुपए खर्च हुए जुलाई में
– 47 किलोमीटर लम्बाई है द्रव्यवती नदी की
– 15 अगस्त 2018 को उद्घाटन करना चाहती है सरकार