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प्रोजेक्ट रिव्यूज

पैलेसिया अब 30 मीटर ऊंची इमारत ही होगी

कोर्ट में अपील भी नहीं करने का फैसला लिया, जेडीए अब लेने जा रहा है मामले में विधिक राय

Sep 27, 2017 / 04:42 pm

सुनील शर्मा

 The State Government take a You Turn and returns all the order in case of Palasia Housing Project
जयपुर। निर्माणाधीन आवासीय प्रोजेक्ट पैलेसिया मामले में सरकार ने यू टर्न ले लिया। सरकार ने सभी आदेशों को वापस ले लिया और यूडीएच के प्रमुख शासन सचिव रहे जी.एस. संधु के पुराने आदेशों को पुनर्जीवित कर दिया। इसमें प्रोजेक्ट की ऊंचाई 30 मीटर ही रखने और ईडब्ल्यूएस-एलआईजी फ्लैट का निर्माण दूसरी जगह करने की छूट को बहाल कर दिया। नगरीय विकास विभाग ने शुक्रवार को इसके आदेश जारी कर दिए।
नगरीय विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने इसकी स्वीकृति दी है। यही नहीं प्रोजेक्ट के नक्शे निरस्त करने के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील नहीं करने का भी फैसला किया है। सरकार ने इसके पीछे कोर्ट के आदेश का हवाला दिया, जिसमें कोर्ट ने 2013 के गहलोत सरकार के आदेश की पालना करने को कहा था। हालांकि, सरकार के इस कदम से सवाल भी खड़े हो गए हैं।
सरकार बदलते ही निरस्त हो गया था प्रोजेक्ट
जुलाई 2013 में तत्कालीन गहलोत सरकार ने प्रोजेक्ट निर्माता के आवेदन पर इमारत को 15 मीटर से 30 मी. की मंजूरी दी थी। अवैध निर्माण को कम्पाउण्ड करने की छूट के आदेश भी 3 दिसम्बर 2013 को जारी किए थे। सरकार बदलने के बाद मौजूदा भाजपा सरकार ने दिसम्बर 2014 में दोनों मामलों में दी छूट के आदेशों को वापस लिया था।
इससे प्रोजेक्ट की ऊंचाई फिर 15 मीटर और ईडब्ल्यूएस-एलआईजी फ्लैट का निर्माण दूसरी जगह समय पर नहीं करने पर निरस्त कर दिया था। जेडीए ने दिसम्बर, 2014 में ही भवन मानचित्र समिति में प्रस्ताव लाकर प्रोजेक्ट के 30 मीटर के नक्शों को निरस्त कर दिया और निर्माणकर्ता को 15 मी. के नक्शे पेश करने के आदेश दिए। कंपनी ने संशोधित नक्शे नहीं दिए तो मार्च, 2015 में प्रोजेक्ट निरस्त किया था।
२०१४ से अटक रहा मामला, अब…
11 दिसंबर 2014 को बीपीसी बैठक में पैलेसिया प्रोजेक्ट के नक्शे निरस्त करने का निर्णय।
जेडीए ने मार्च 2015 में नक्शे निरस्त किए। ओम मेटल्स की जेडीए न्यायाधीकरण में याचिका।
न्यायाधीकरण का ओम मेटल्स के पक्ष में फैसला, नक्शे निरस्त करने को गलत माना। जेडीए मामला हाईकोर्ट ले गया।
13 फरवरी-14 को फर्म ने कहा, जब तक सुप्रीम कोर्ट निर्णय नहीं देता, तब तक 15 मी. भवन बनेगा।
जेडीए ने 3 मार्च-15 को 15 मी. का नक्शा १० मार्च मांगा, लेकिन नहीं दिया तो नक्शे निरस्त किए।
ओम मेटल्स ने ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की। प्रार्थी के पक्ष में फैसला। जेडीए ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।
जेडीए मांग सकता है नए नक्शे…
इतना सब होने के बाद अब सरकार ने पिछले दिनों एक आदेश जारी कर दिसम्बर2014 में जारी उन आदेशों को वापस ले लिया, जिसमें छूट को वापस लिया था। ऐसे में अब जेडीए इसके लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता से विधिक राय लेगा कि कंपनी के निरस्त नक्शे के फैसले को भी वापस लिया जाए या नये नक्शे अनुमोदन के लिए मांगे जा सकते है।

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