आगामी 25 नवम्बर को अयोध्या में होगी धर्मसभा आगामी 25 नवम्बर को अयोध्या में प्रस्तावित धर्मसभा जो बड़े भक्तमाल की बगिया परिक्रमा मार्ग रामघाट कार्यषाला के पीछे होनी है। उसकी तैयारी के सम्बन्ध में विष्व हिन्दू परिषद, अधिवक्ता परिषद, किसान संघ, मजदूर संघ, विद्याभारती, सेवाभारती, चिकित्सा भारती, सहकार भारती, संस्कार भारती, प्रकृति भारती एवं भाजपा सहित समस्त विचार परिवार के संगठन की एक बड़ी बैठक गोपाल सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर काॅलेज रतापुर में आयोजित की गई। बैठक में मुख्य वक्ता प्रान्त प्रचारक कौषल किशोर ने बताया कि हिन्दू समाज पिछले 500 वर्षों से अपनी अस्मिता और शुचिता के लिए संघर्ष करने का इतिहास रहा है, जिसमें हिन्दू समाज अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए सदा संघर्षषील रहा है। सनातन धर्म के आस्था का केन्द्र श्रीराम जन्मभूमि का वाद काफी समय से न्यायालय में लम्बित है, जिसमें सुनवाई न्यायालय में की गई जिसमें जन्मस्थल को तीन भागों में बांटने की कार्यवाही की गई। जिसमें करोड़ों धर्मावलम्बियों को यह निर्णय रास नहीं आया और इसके विरूद्ध सर्वोच्च न्यायालय में मामला गया, जिसकी सुनवाई महज तीन मिनट में निरस्त कर दी गई और जनवरी में पुनः इस पर कोर्ट निर्धारित करने को न्यायालय द्वारा कहा गया।
80 करोड़ हिन्दू समाज अपनी अस्मिता की रक्षा के लिए आहत जिससे 80 करोड़ हिन्दू समाज अपनी अस्मिता की रक्षा के लिए आहत है। भगवान श्रीराम हिन्दू धर्मावलम्बियों व सनातन धर्म के अधिष्ठाता पूज्य हैं। अतः न्यायालय द्वारा समय न देने के कारण आहत हैं जिससे उनकी बात सुनी जाये और न्यायालय प्रमुखता से सुनकर न्याय दे। इस कारण अयोध्या में एक धर्मसभा का आयोजन विष्व हिन्दू परिषद द्वारा किया जा रहा है, जिसमें लाखों की संख्या में रामभक्त एकत्र होकर अपनी बात रखकर सरकार द्वारा कानून बनाकर या अध्यादेष लाकर या न्यायालय द्वारा प्रमुखता से सुनकर तत्काल निपटारा करने का आग्रह धर्मसभा के माध्यम से किया जाएगा। समूचे भारत वर्ष में हिन्दुओं की करोड़ों संख्या है जो सनातन धर्म के मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम को अपना प्रमुख देवता मानते हैं। उनके मन्दिर न बन पाने के कारण आहत हैं और अपनी बात रखना चाहते हैं, वह सभी धर्मसभा में 25 नवम्बर को 11 बजे बड़े भक्तमाल की बगिया परिक्रमा मार्ग रामघाट कार्यषाला के पीछे पहुंचकर सहभागिता करेंगें। जिसमें 20 कार्यकर्ता सात दिन सात घंटे पूर्णकालिक के रूप में कार्य कर सनातन धर्म से जुड़े आस्था के विषय को सामान्य व्यक्ति तक पहुंचाने का काम करेंगे। सभी संगठन मण्डल, न्याय पंचायत, ग्राम सभा से लेकर ग्राम तक आस्था से जुड़े विषय को पहुंचकर सामान्य जनमानस तक विषय को पहुंचेंगे ।