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रायबरेली

NTPC : प्लांट परिसर में सब इंस्पेक्टर व जवान की बीच हुई तानाशाही

रायबरेली जनपद के उचाहांर में एनटीपीसी में घटनाओं का दौर रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

रायबरेलीFeb 24, 2018 / 04:00 pm

Mahendra Pratap

Dictatorship between SI and sipahi in ntpc plant premises

रायबरेली. जनपद के उचाहांर में एनटीपीसी में घटनाओं का दौर रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जबकि यह देश में नौ रत्नों में देखी जाती है। इधर एनटीपीसी के ब्वालर फटने में अभी 6 महीने भी नहीं बीते हैं। जिसमें सैकड़ों मजदूर घायल और करीब 35 मजदूरों की मौत भी हो गई थी। लेकिन एनटीपीसी के अधिकारियों में लगता है सरकार और कानून का डर ही नहीं है।

आज इसी तरह का एक मामाला एनटीपीसी उचाहांर में आया जहां मजदूरों को सीआईएसफ ने दौड़ा-दौड़ा का पीटा। क्योंकि यह दैनिक मजदूर थें। वह भडंके दैनिक मजदूरों ने एनटीपीसी प्लांट में जमकर हंगामा काटने लगें। प्लांट परिसर के कार्यो का बहिष्कार करने पर मौके पर एनटीपीसी के अधिकारी व सीआईएसएफ के कामाण्डेन्ट ने एसडीएम ऊंचाहार व पुलिस बल के सामने बातचीत भी की। इस पर पीड़ितो ने कोतवाली में तहरीर भी दी। इस पर पुलिस ने घायलों का इलाज भी नहीं कराया और अभी तक मुकदमा भी नहीं लिखा है। इस पर मजदूर पीड़ित अभिषेक व शिवलाल ने कोतवाली में तहरीर भी दी। प्लांट परिसर में मीडिया पर रोक भी लगा दी गई है।

प्लांट परिसर में मजदूरों से मामला को सुलझाने हेतु बातचीत की जा रही है लेकिन मजदूरों ने इस पर कोई भी बातचीत नहीं करना चाह रहे हैं। उनका कहना है कि सीआईएसएफ पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। इस पर 8ः30 बजे से प्लांट परिसर के एरिया में कार्य 12ः20 प्रभावित रहा। अब घटना का राज सीसीटीवी कैमरा ही खोलेगा।

अगर आज किसी भी फैक्ट्री वह चाहे सरकारी हो या प्राईवेट जब भी कहीं कोई मामला आता है तो बेचारा गरीब मजदूर ही क्यों पिसता है। क्या उसका इस देश में कोई वजूद नहीं है। ज्यादातर फैक्ट्रीरियों में मजदूर दिहाड़ी पर काम करता है। उसके पास कोई कागज सरकारी तौर पर नहीं होता है। इसी का फायदा कुछ मजदूरी कराने वाले ठेकेदार और अधिकारी लोग अधिकतर फायदा उठाते नजर आ जाएंगे। यही इस देश का दुर्भाग्य हैं। राजनीतिक पार्टीयों को जब वोट लेना होता है तो सबसे सस्ता वोट इन्हीं मजदूरों का और बिना पढ़े लिखे लोगों का प्रतिशत सबसे ज्यादा होता है सरकार बनवाने में। पर सरकार इन मजदूरों पर कभी भी ध्यान नहीं देती है।

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