ओपीडी ब्लॉक लगभग तैयार है सोनिया गांधी ने 12 जनवरी को एम्स की धीमी गति से निर्माण पर एक पत्र केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को लिखा था। उन्होंने पत्र में एम्स रायबरेली के निर्माण में हो रही देरी से इस क्षेत्र के आम लोगों को हो रही दिक्कतों के बारे में भी बताया। सोनिया गांधी के पत्र पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बताया कि एक्सपेंडीचर फाइनेंस कमेटी (ईएफसी) ने पिछले वर्ष 22 जून को ही 823 करोड़ रुपये एम्स-रायबरेली के लिए मंजूर कर दिए थे। उन्होंने अवगत कराया कि एम्स का ओपीडी ब्लॉक लगभग तैयार है। यहां जुलाई से ओपीडी प्रारंभ कर दिए जाने की योजना है। उन्होने यह भी बताया कि मेडिकल टीचिंग एवं हॉस्पिटल बिल्डिंग के लिए टेंडर मांगे जा चुके हैं और निर्माण प्रबंधन संभाल रही एचएससीसी कंपनी को निर्माण प्रारंभ करने के बाबत निर्देश दिए जा चुके हैं। उन्होंने सोनिया गांधी को लिखे पत्र में उम्मीद जताई कि मार्च 2020 तक एम्स चालू हो जाएगा।
सांसद प्रतिनिधि केएल शर्मा ने कहा कि एम्स के निर्माण में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद सोनिया गांधी को कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं है। वह लगातार रायबरेली के विकास को लेकर सक्रिय हैं। एम्स के अतिरिक्त वह जिले के हर विकास कार्य पर नजर रखे हैं।
सांसद प्रतिनिधि केएल शर्मा ने कहा कि एम्स के निर्माण में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद सोनिया गांधी को कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं है। वह लगातार रायबरेली के विकास को लेकर सक्रिय हैं। एम्स के अतिरिक्त वह जिले के हर विकास कार्य पर नजर रखे हैं।
वर्ष 2013 में मंजूर हुआ था एम्स
यूपीए सरकार ने सांसद सोनिया गांधी के ड्रीम प्रोजेक्ट एम्स-रायबरेली को वर्ष 13 में मंजूरी दी थी। नौ सौ करोड़ रुपये से अधिक लागत वाले इस प्रोजेक्ट के लिए तब डेढ़ सौ रुपये अमुक्त भी कर दिए गए थे। इस धनराशि से एम्स की रिहायशी कालोनी बनकर तैयार है। यूपीए सरकार की पहल पर यहां वर्ष 2014 की शुरुआत में ओपीडी भी बन गई थी, लेकिन चुनाव में यूपीए के हारने के बाद एम्स का निर्माण धीमा हो गया। एनडीए के सत्ता में आने के बाद भी सांसद सोनिया गांधी ने प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ी।
यूपीए सरकार ने सांसद सोनिया गांधी के ड्रीम प्रोजेक्ट एम्स-रायबरेली को वर्ष 13 में मंजूरी दी थी। नौ सौ करोड़ रुपये से अधिक लागत वाले इस प्रोजेक्ट के लिए तब डेढ़ सौ रुपये अमुक्त भी कर दिए गए थे। इस धनराशि से एम्स की रिहायशी कालोनी बनकर तैयार है। यूपीए सरकार की पहल पर यहां वर्ष 2014 की शुरुआत में ओपीडी भी बन गई थी, लेकिन चुनाव में यूपीए के हारने के बाद एम्स का निर्माण धीमा हो गया। एनडीए के सत्ता में आने के बाद भी सांसद सोनिया गांधी ने प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ी।