आईएमए संगठन के सभी डॉक्टरो ने किया विरोध दरअसल रविवार को शहर के एक निजी चिकित्सक की प्राइवेट लैब से कोरोना की जांच पॉजिटिव आने के बाद उन्हें तत्काल आइसोलेट किया गया और उनके परिवार को क़वारन्टीन किया गया।साथ ही जिला प्रशासन की एक बैठक में उनके शामिल होने पर बैठक में मौजूद 55 चिकित्सको को भी होम क्वारन्टीन किया गया।मामले ने उस समय तेजी पकड़ ली जब जिला प्रशासन द्वारा चिकित्सक पर महामारी में लापरवाही का आरोप लगाकर सदर कोतवाली में उनके व उनके स्टाफ के ऊपर एफआईआर दर्ज की गई।गुरुवार को इसके विरोध में जिले के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी ज्ञापन देने के लिए डीएम से मिलने पहुचे लेकिन न तो उनकी मुलाकात जिलाधिकारी से हुई और न ही सीएमओ से।आईएमए के सचिव डॉ मनीष त्रिवेदी ने बताया कि अगर इस तरह मुकदमा दर्ज किया जाएगा तो हम आपातकाल में काम नही कर पाएंगे क्योंकि अगर हम संक्रमित हुए तो हम पर भी मुकदमा दर्ज हो सकता है।अगर मुकदमा नही वापस होता है तो हमारी कमेटी जो निर्णय तय करेगी उसका पालन किया जाएगा।
आईएमए संगठन ने लगाया प्रशासन पर यह आरोप इस स्थिति का समाधान करने के लिए आईएमए प्रेसिडेंट, डॉक्टर केपी वर्मा, प्रेसिडेंट, नर्सिंग होम एसोसिएशन डॉ अजय श्रीवास्तव तथा सचिव, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, डॉक्टर मनीष त्रिवेदी, सदस्य मनीष सिंह चौहान के नेतृत्व में 10 सदस्यीय कोविड एक्शन कमेटी का गठन किया गया है जिसमें इन सभी डॉक्टरों ने प्रशासन से कहा है कि तमाम सावधानियों के बाद भी डॉ डीएस चंदेल के टेस्ट 3 मई की देर रात पॉजिटिव आने के उपरांत उनके साथ अपराधी की तरह बर्ताव करना, उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करना, उनके खिलाफ शासन द्वारा बेबुनियाद एफआईआर करना समस्त चिकित्सकों के मन में व्यवस्था के प्रति भय व्याप्त कराता है और अगर समस्त चिकित्सा संस्थान एवं अस्पताल अगर बंद हो गए तो आम जनता को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है ।
टेलीमेडिसिन का काम निःशुल्क जारी रखना उन्होंने बताया कि अगर लॉक डाउन के दौरान आईएमए के चिकित्सकों ने सवेरे 10 बजे से शाम 6 बजे तक एक रोस्टर बनाकर विभिन्न स्पेशलिटी में टेलीमेडिसिन का काम निःशुल्क जारी रखना सुनिश्चित किया है, जिससे रोज बड़ी संख्या में लोग लाभान्वित भी हो रहे हैं । हम शासन से भारत सरकार द्वारा होम क्वॉरेंटाइन की गाइडलाइन के आलोक में जिम्मेदार चिकित्सर्को तथा उनके परिवार के लिए होम क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग करते हैं ।