७० लोगों की आंख से १४० देख रहे दुनिया
वर्ष २०१६ से देवकी रामधारी फाउंडेशन से अंगदान के लिए किया प्रेरितकइयों ने लिया है नेत्र ज्योति दान करने का संकल्प
७० लोगों की आंख से १४० देख रहे दुनिया
रायगढ़. दुनिया छोडऩे के बाद भी किसी अंग से दूसरों के जीवन में उजाला करने वाले बड़े खुशनसीब होते हैं। रायगढ़ जिले में इस तरह के ७० ऐसे लोग थे जिनकी आंखे मृत्यु के बाद दान की गई। उनकी आंखों से मौजूदा समय में १४० लोग दुनिया को देख रहे हैं। देवकी रामधारी फाउंडेशन के द्वारा अंगदान के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है।
फाउंडेशन के संस्थापक दीपक अग्रवाल ने बताया कि उनकी मां की इच्छा थी कि उनकी आंखे मृत्यु के बाद दान कर दी जाए, ताकि कोई दूसरा उनकी आंखों से दुनिया देख सके। मां की इस इच्छा को दीपक अग्रवाल ने पूरा किया बल्कि मां की अंतिम इच्छा को व्यापक रूप देने का संकल्प लिया। उन्होंने वर्ष २०१६ में देवकी रामधारी फाउंडेशन की स्थापना की और इस फाउंडेशन के माध्यम से अंगदान के लिए जागरूकता शुरू की। इस संस्था के माध्यम से अब तक के पांच वर्षों में ७० लोगों ने मृत्यु के बाद नेत्रदान किया है। नेत्रहीन एक व्यक्ति को एक ही नेत्र ज्योति दी जाती है। ऐसे में ७० लोगों की आंखों से १४० लोगों की जिंदगी रौशन हो रही है।
३५०० लोगों ने लिया संकल्प
दीपक अग्रवाल बताते हैं कि संस्था के अभियान से तीन हजार पांच सौ लोगों ने मृत्यु उपरांत नेत्रदान करने का संकल्प लिया है। ऐसे लोग जो नेत्र या अन्य अंगदान की इच्छा रखते हैं उनकी मृत्यु के बाद परिजन उन्हें सूचना देते हैं। इसके बाद संस्था के एंबुलेंस से चिकित्सकों की टीम निर्धारित समय से पहले मौके पर पहुंचती है और नेत्र ज्योति निकला कर सुरक्षित उसे बिलासपुर पहुंचाया जाता है, ताकि उससे दूसरों को ट्रांसप्लांट किया जा सके।
१४ लोगों ने किया देहदान
दीपक अग्रवाल बताते हैं कि संस्था नेत्रदान के अलावा अंगदान के लिए भी प्रेरित किया जाता है। रायगढ़ जिले में १४ लोगों ने देहदान किया है। इसमें रायगढ़ मेडिकल कालेज के सुपुर्द किया गया है। बताया जा रहा है कि रायगढ़ मेडिकल कालेज के अलावा प्रदेश के अन्य मेडिकल कालेज भी देह को भेजा गया है। वहीं यह बताया जा रहा है कि तीन सौ लोगों के द्वारा मृत्यु उपरांत देहदान का संकल्प लिया गया है।
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