अचानक बारिश होना तो कभी ठंड लगना तो कभी गर्मी होने से मौसम में इंफेक्सन फैल रहा है, जिससे लोगों को छींक आना सहित सर्दी-बुखार जैसी समस्या हो रही है। इससे बचने के लिए लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। वहीं मेडिकल कालेज के एमडी मेडिसीन डॉ. जितेंद्र नायक ने बताया कि सर्दी-बुखार से बचने के लिए सबसे पहले तो बे-मौसम बारिश से बचना चाहिए, क्योंकि अभी-अभी ठंड खत्म हो रहा है, फिर दिन के समय तेज धूप होने से गर्मी होने लग रहा है, इसके साथ ही रात के समय ठंड हो रहा है। इस कारण आदमी का शरीर तत्काल अब्र्जव नहीं कर पा रहा है। जिससे सर्दी-खांसी बुखार जैसी समस्या आ रही है।
साथ ही खान-पान में भी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। क्योंकि बीच-बीच में बारिश होने से मच्छर-मक्खी भी बढ़े हंै। इस कारण लोगों को हमेशा सोते समय मच्छरदारी का प्रयोग करना चाहिए। इसके साथ ही अगर सर्दी-खांसी है तो हमेशा रूमाल का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि छींकते समय हमेशा रूमाल लेना चाहिए, नहीं तो इंफेक्शन दूसरे को भी अपने चपेट में ले लेता है। इसके साथ ही खान-पान सहित साफ पानी पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। क्योंकि बे-मौसम बारिश और धूप, ठंड के चलते हवा में बैैक्टरिया बढ़ जाती हैं जिससे इस तरह की बीमारी होती है। अगर लोग थोड़ा सावधानी बरतें तो इससे बचा जा सकता है।
हर दिन बढ़ रहे ओपीडी के मरीज
अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार पिछले एक सप्ताह में यहां सर्दी-बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, जिसमें हर दिन 250 से 300 मरीज ओपीडी में आ रहे हैं। जिसमें ज्यातर मरीज सर्दी-खांसी और बुखार के हैं। हालंकि अभी मरीजों को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ रही है। फिलहाल दवा से ही काम चल रहा है। लेकिन लंबे समय तक सर्दी-खांसी बुखार नहीं छोड़ता है तो यह गंभीर हो सकता है।
बच्चों में ज्यादा पड़ रहा है असर
लगातार बदलते मौसम का बुरा असर बच्चों में ज्यादा देखने को मिल रहा है। डॉक्टरों की माने तो इस मौसम के कारण बच्चे सर्दी, बूखार के अलावा उल्टी-दस्त के चपेट में भी आ रहे हैं। ऐसे केस ज्यादातर देखने को मिल रहा है। इसके लिए भी पालकों को खान-पान व सफाई के साथ मौसम से बचाव पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि उक्त बीमारियों के चपेट में आने से बच्चों को बचाया जा सके।