शुभ-अशुभ, लाभ हानि, ग्रह नक्षत्र…. वास्तु शास्त्र में इसके महत्व को दर्शाया गया है। यहीं वजह है कि घरों के दरवाजे के साथ बैठने-उठने से जुड़ी हर चीज पर लोग विशेष
ध्यान देते हैं। कुछ ऐसा ही नजारा पिछलेे 3-4 सालों मेंं रायगढ़ जीआरपी के विभागीय चैंबर मे भी देखने को मिलता है। जहां अधिकारी के बदलने के साथ उनके बैठने वाले कुर्सी व टेबल की दिशा भी बदल दी जाती है। जीआरपी मेंं इनदिनों नए टीआई आए हुए हैं। जो इससे पहले भी रायगढ़ जीआरपी में अपनी सेवा दे चुके हैं। नए टीआई,
ज्वाइन करने के कुद दिन बाद ही अपने चैंबर की दशा व दिशा बदलने की पहल की। पहले उनके बैठने की कुर्सी दक्षिण दिशा में थी। जबिक टेबल के सामने वाली कुर्यिायों का मुंह उत्तर दिशा में था। जिसे अब पूरब व पश्चिम कर दिया गया है। इसके पीछे जितनी मुंह-उतनी बातें सुुनने को मिलती है। कोई वास्तु के लिहाज से कुर्सी को इधर उधर करने की बात करता है तो कोई सुविधा के लिहाज इसके पीछे की हकीकत चाहे जो भी है। पर जीआरपी प्रभारी के बदलने के साथ ही कुर्सियों की दिशा बदलने का यह सिलसिला करीब 3-4 साल से बदस्तूर जारी है। जिसके पीछे की वजहों को लेकर लोगों मेंं संशय की स्थिति है।
इस मामले में विभागीय जवान भी खुल कर बोलने से परहेज करते हैं। पर इसकी चर्चा एक बार फिर टीआई के बदलनेे व नए टीआई के ज्वाइन करने के साथ तेज हो गई है।
वास्तु को देते हैं तरजीह– प्राय: अधिकांश लोग वास्तु शास्त्र में विश्वास रखते हैं। जिससे तन व मन के सुकून मिलने की बात कही जाती है। यहीं वजह है कि इससे जुड़े लोगों से सलाह मशविरा कर लोग, एक बड़ी राशि भी खर्च कर दते हैं। हालांकि रायगढ़ जीआरपी में ऐसी कोई बात नहीं है यहां सिर्फ कुर्सी व टेबल के स्थान परिवर्तन ही किया गया है।