13 नवंबर की रात भी कृष्णा ड्यूटी पर था। रात करीब साढ़े नौ बजे फर्नेस, जिसमें लोहा गलाया जाता है वह अचानक ब्लास्ट हो गया। इससे कृष्णा गला हुआ गर्म लोहे के चपेट में आकर बुरी तरह झुलस गया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। जबकि वहीं पर काम कर रहा श्रमिक राजकुमार सारथी (25) निवासी सक्ती भी उसकी चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गया। इसके बाद प्लांट में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में आहत को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल पहुंचाया गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और मौका मुआयना जुट गई।
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शव को लेकर असमंजस
घटना के बाद मृतक के शव को पीएम के लिए मरच्यूरी में रखवाया गया था। 14 नवंबर की सुबह जब मृतक के परिजन मौके पर पहुंचे और पुलिस ने उन्हें शव को दिखाया तो मृतक का मामा उसे पहचानने से इंकार कर दिया। लाश इतनी बुरी तरह से झुलसी थी कि उसका मामा उसे पहचान ही नहीं पाया। इसके बाद फिर उक्त शव को कृष्णा की मां को दिखाया गया तो उसने शव के उंगली में पहने अंगूठी व हाथ में पहने कड़ा से बेटे का शव की पुष्टि की। इसके बाद शव का पीएम कराया गया। वहीं अंतिम संस्कार के लिए पीडि़त परिजनों को सौंप दिया गया।