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15 अप्रैल को जारी इस पत्र में नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, पटवारी, रीडर, लिपिक से लेकर कम्प्यूटर आपरेटर तक को संबोधित किया गया है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि राजस्व विभाग की काफी अधिक शिकायत मिलती हैं। इन शिकायतों में कहा गया है कि बिना रिश्वत (Bribe) के कोई भी काम नहीं होता। पत्र के माध्यम से यह पूछा गया कि यह रिश्वतखोरी किस तरह से होती है और इसे कैसे रोका जा सकता है? सुझाव देने की अंतिम तिथि 19 अप्रैल निर्धारित की गई है। इस पत्र को हालांकि विभागीय बताया जा रहा है, लेकिन यह वायरल हो गया है।
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डॉ. रमन सिंह ने मंत्रियों से एक साल रिश्वत नहीं लेने की बात कही थी। इस बात को कांग्रेस ने मुद्दा बनाया था। इससे प्रदेश सरकार की काफी किरकिरी भी हुई थी।
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भाजपा ले रही चुटकी
इस मामले को लेकर रायगढ़ लोक सभा की सांसद गोमती साय का कहना है कि मौजूदा समय में पूरे देश में कोरोना महामारी फैली हुई है। इस समय सेवा भाव होना चाहिए न कि किसी अन्य मुद्दे पर बात होना चाहिए। उनका कहना है कि वास्तव में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार हो रहा है तभी एसडीएम को इस तरह का पत्र जारी करना पड़ा।