यहां के मतदाता जंगल, पहाड़ और पथरीले नालों को पार कर मनाएंगे लोकतंत्र का त्योहार, चुनेंगे अपनी सरकार
रायगढ़. इस बार विधानसभा चुनाव में शत प्रतिशत मतदान बढ़ाने के लिए स्वीप के तहत मतदाता संकल्प पत्र, जागरुकता रैली, दीप तिहार जैसे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र के बरमकेला ब्लॉक के कुछेक गांव में मतदान केन्द्र नहीं होने के वजह से एक गांव को पार कर दूसरे गांव के केन्द्रों में जाकर मतदान करना पड़ेगा। इस तरह की अजीब व्यवस्था से ग्रामीण मतदाताओं को परेशानी होती है।
वर्ष 2008 में सरिया विधानसभा सीट का विलोपन कर रायगढ़ कर दिया गया। इसके बाद बरमकेला ब्लॉक के सरिया अंचल के 59 मतदान केन्द्र रायगढ़ विधानसभा में शामिल हो गए हैं। इन्हीं मतदान केन्द्रों में कई गांव के मतदाताओं को नाला, जंगल व कच्ची सड़क पार कर दूसरे गांव के मतदान केन्द्र में जाकर मतदान करने जाना है। इसमें से ग्राम कुधरगढ़ी के ग्रामीण जंगल पार कर तीन किलोमीटर दूर मतदान केन्द्र विश्वासपुर मतदान करने आएगें।
इसी तरह छेलफोरा के मतदाता भी कटंगी नाला में बने वैकल्पिक पुलिया से होकर मतदान केन्द्र कटंगपाली (अ) पहुंचते हैं। इसी केन्द्र में एक अन्य गांव बांजीपाली के भी मतदाता पगडंडी मार्ग से होकर लोकतंत्र के पर्व में भाग लेते हैं। ग्राम पंचायत कटंगपाली (अ) के आश्रित गांव दुलमपुर के मतदाता मतदान केन्द्र बोंदा को छोड़कर ग्राम बोकरामुड़ा मतदान केन्द्र जाएंगे, जहां की दूरी ढाई से तीन किलोमीटर के बीच है।
इसी तरह बिलाईगढ़ (ब) के मतदाता भीखमपुरा को पारकर कण्डोला मतदान केन्द्र में जाकर मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। पुरैना के ग्रामीण मतदान केन्द्र गिरहुलपाली और नवापारा छोटे के मतदाता एक पंचायत पार करके ग्राम बुदबुदा जाएंगे। वहीं ग्राम ठेंगागुडी के 320 वोटरों को कच्ची सड़क से होकर करीबन तीन किमी दूर मतदान केन्द्र बोरिदा में मत डालने जाना पड़ेगा। यहीं हाल मानिकपुर छोटे के ग्रामीणों का है, ये लोग ग्राम अमुर्रा मतदान केन्द्र में वोट दे सकेंगे।
ग्राम ठेंगागुडी के ग्रामीण सुभाष, अजय, संदीप, रुकमण, भरत प्रधान ने बताया कि तीन सौ से अधिक गांव में मतदाता होने के बाद भी मतदान केन्द्र नहीं बनाया जा रहा है। जबकि कई बार लिखित में मांग की जा चुकी है। कच्ची सड़क होने के साथ ही लम्बी दूरी के कारण बुजुर्ग व नई नवेली बहुएं मतदान के लिए जाना पसंद नहीं करतीं।
तीन अलग-अलग मतदान केंद्रों में बंटा विडम्बना है कि चारों ओर से ओडिशा से घिरा ग्राम पंचायत सांकरा के तीन मोहल्ला रैबो, रामपुर व मोंहदी का है। इन तीनों मोहल्लों को राजस्व ग्राम घोषित नहीं होने का दंश झेलना पड़ रहा है। इन्हें लम्बी दूरी तय करके सांकरा के तीन अलग-अलग मतदान केन्द्रों में जाते हैं। कई बार मतदाता दूसरे मतदान केन्द्रों की दूरी या अन्य परेशानी का देखते हुए मतदान करने ही नहीं जाते हैं। ऐसे में मतदाता जागरूकता अभियान पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने कहा कि मतदाता जागरूकता के लिए निर्वाचन अधिकारियों की टीम को सभी जगह पहुंचना है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो जिला निर्वाचन अधिकारी से इसकी जानकारी मांगी जाएगी कि ऐसा क्यों हुआ।
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