इसके बाद 1977 में नरहरि प्रसाद सांसद बने। 1980 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की उम्मीदवार रही पुष्पा सिंह चुनाव जीतकर इस सीट की पहली महिला सांसद बनी। उन्हें एक लाख 37 हजार 129 मत मिले थे। वहीं 1984 के चुनाव में भी कांग्रेस की पुष्पा देवी सिंह ही दोबारा सांसद निर्वाचित हुईं। इस बार उन्हें दो लाख 16 हजार 777 मत मिले थे। हालांकि लगातार तीसरी बार वे सांसद निर्वाचित नहीं हो सकीं। 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा के नंद कुमार साय रायगढ़ लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए, लेकिन केंद्र में दो साल बाद ही सरकार गिरने से 1991 में फिर से लोकसभा चुनाव हुआ। इस बार कांग्रेस की टिकट से फिर पुष्पा देवी सिंह ही चुनावी मैदान में थीं और वे एक लाख 94 हजार 80 मत पाकर तीसरी बार सांसद निर्वाचित हुई। इसके बाद 23 साल तक पुरुष सांसद ही इस सीट पर काबिज रहे। वर्ष 2019 में भाजपा ने गोमती साय को चुनावी मैदान में उतारा। गोमती साय छह लाख 58 हजार 335 मत पाकर सांसद निर्वाचित हुई। इस तरह अब तक कुल चार बार ही बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ सीट पर दो बार बेटी को नेतृत्व का मौका मिला है।
एक, दो, तीन, चार का रिकार्ड रायगढ़ लोकसभा में एक, दो, तीन, चार का रिकार्ड है। एक-एक बार इस लोकसभा से जीत दर्ज करने वालों में उमेद सिंह, नरहरि प्रसाद, अजीत जोगी व गोमती साय हैं। दो बार इस सीट से सांसद बनने वाले में एक ही नाम नंद कुमार साय का है। वहीं तीन बार पुष्पा देवी सिंह इस सीट से सांसद निर्वाचित हो चुकीं हैं। सबसे अधिक चार बार इस सीट से विष्णुदेव साय सांसद निर्वाचित हुए हैं।