पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आहत विरेन्द्र तिर्की रक्षित केन्द्र जशपुर में पुलिस आरक्षक के पद पर पदस्थ है। २६ अक्टूबर को विरेन्द्र रक्षित केन्द्र जशपुर से 4.30 बजे डाक वितरण, नोटिस तामिल के लिए कोरबा व जांजगीर चांपा के लिए निकला था। जहां से वह कर्तब्य प्रमाण पत्र, संबंधित डाक एवं नोटिस प्राप्त कर कोरबा एवं जांजगीर में डाक वितरण कर २९ अक्टूबर की रात्रि रायगढ़ पहुंचा। इसके बाद रात 10.30 बजे वह रामभाठा में रह रही अपनी पत्नी नीता तिर्की से मिलने गया।
जीजा के घर से अपने गांव वापस लौट रहे दो भाई की बाइक पीपल पेड़ से टकराई, एक की मौत, दूसरा गंभीर 30 अक्टूबर की रात २.30 बजे जब वह रामभाठा से निकल कर जशपुर जाने के लिए केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड जा रहा था, तभी रामभाठा बुढीमाई मंदिर से कुछ दूर आगे रामभाठा निवासी जीतू टंडन, धमेन्द्र टंडन, निखिल, राहुल एवं उनके साथीगण वहां पहुंच गए और आरक्षक का रास्ता रोककर खड़े हो गए। जब आरक्षक विरेन्द्र तिर्की उन्हें अनसुना कर आगे बढऩे लगा तो आरोपी उसके रास्ते में आ गए। इसके बाद वह लोग आरक्षक से गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी देते उसका बैग पकड़ कर छीनाझपटी करने लगे।
इस दौरान किसी ने पीछे से विरेन्द्र के सिर पर डंडे से वार कर दिया। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद आरोपियों ने हाथ-मुक्के से उसके चेहरे पर ताबड़तोड़ वार कर दिया। घटना की रिपोर्ट पर पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ धारा २९४, ३२३, ३४१, ३५३, ५०६बी, ३४ के तहत अपराध दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया है। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।
वर्दी में था फिर कर दी गई आरक्षक की पिटाई
जिले में अपराध और अपराधी दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। आम आदमी तो दूर लोग पुलिस भी उनसे अब सुरक्षित नहीं है। उनके अंदर अब पुलिस का डर भी नहीं है, तभी तो अपराधी किस्म के लोग वर्दी पहने होने के बाद भी जवान की पिटाई कर दे रहे हैं। इस घटना के बात अब यह पुलिस के लिए चुनौती बनती है कि वह उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजे नहीं तो ऐसे अराजक तत्वों का हौसला और बढ़ जाएगा।