गेट पर टीटीई को देता हूं 50 रुपए– आर्डर सप्लायर अजय ने बताया कि इस धंधे में करीब 5-6 साल से हंू। सामान के हिसाब से कुली को ट्रेन से ही फोन कर देता हंू। जो सामान को ट्रेन से उतारने के बाद बाहर तक पहुंचाने का काम करते हैंं। गेट पर मौजूद टीटीई का 50 रुपए फिक्स है। चाहे उस समय ड्यूटी पर कोई भी टीटीई हो। सबको मिलाजुला कर चलना पड़ता है। बातों ही बातों में आर्डर सप्लायर ने यह भी कहा कि अब पहले जैसी कमाई नहीं रह गई है। रायपुर से लेकर रायगढ़ तक खर्चे बढ़ते जा रहे हैं।
अनबुक्ड़ माल को लेकर हो चुकी है शिकायत– बगैर पार्सल बुकिंग के अनबुक्ड़ माल की ढुलाई को लेकर दो सप्ताह पहले स्थानीय व्यापारियों ने सीनियर डीसीएम को लिखित में शिकायत की थी। जिसपर बिलासपुर डिवीजन के कमर्शियल से जुड़े अधिकारियों ने हैरानी जताते हुए उचित कार्रवाई का भरोसा दिया था। मीडिया में किरकिरी व अधिकारी की फटकार के टीटीई ने आरपीएफ की मदद से कुछ अनबुक्ड़ माल पर प्रकरण भी बनाए। पर कुछ दिनों बाद फिर से पहले जैसा सिस्टम बहाल हो गया।
आज आएंगे जीआरपी के एडीजीपी– आर्डर सप्लायर के खुलासे व जीआरपी की कार्यशैली पर उठते सवालों के बीच शुक्रवार को एडीजीपी का रायगढ़ दौरा भी है। जिसे देखते हुए जीआरपी कार्यालय व प्र्रभारी के कक्ष को चकाचक करने की कवायद युद्ध स्तर पर की जा रही है। टूटे कुर्सियों को मरम्मत करने के साथ ही महिला हेल्प डेस्क के नए बैनर को भी जीआरपी कार्यालय के बाहर चस्पा किया जा रहा था। जिससे आला अधिकारी के निरीक्षण में सब कुछ ऑल इज वेल नजर आए।