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रायगढ़

डेंगू जांच की पहली कार्रवाई में लैब किया सील, दूसरी जांच में आया अवैध, फिर भी दी छूट

– कलक्टर ने 5 सितंबर को स्वास्थ्य अधिकारियों की एक टीम बनाकर शहर में चल रहे लैब संचालकों की जांच के लिए भेजा था

रायगढ़Sep 09, 2018 / 11:34 am

Shiv Singh

डेंगू जांच की पहली कार्रवाई में लैब किया सील, दूसरी जांच में आया अवैध, फिर भी दी छूट

डेंगू जांच की पहली कार्रवाई में लैब किया सील, दूसरी जांच में आया अवैध, फिर भी दी छूट

रायगढ़. डेंगू जांच के नाम पर अधिक राशि वसूल करने की शिकायत पर जांच करने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जिस लैब को सील किया था, उसे प्रभारी सीएचएमओ ने खोल दिया। यह लैब तब खोला गया जब दोबारा जांच करने पहुंचे प्रभारी सीएचएमओ ने जांच के दौरान यह पाया कि उस लैब के पास लाइसेंस नहीं है। वहीं अब प्रभारी सीएचएमओ यह कह रहे हैं कि यदि फिर से वहां लैब संचालित किया जाता है को सील किया जाएगा। ऐसे में इस बात को लेकर शहर में चर्चा का माहौल गर्म है।
शहर में लगातार लोग डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं। इसके लिए कलक्टर द्वारा पिछले दिनों एक बैठक में डेंगू जांच के लिए एक निर्धारित राशि तय की गई थी। जिसमें सभी लैब संचालकों को निर्देशित किया गया था कि तय राशि ज्यादा पैसा नहीं लेना है। इसके बाद शहर के कई लैब संचालक अधिक राशि ले रहे थे। इसकी शिकायत होने पर कलक्टर ने 5 सितंबर को स्वास्थ्य अधिकारियों की एक टीम बनाकर शहर में चल रहे लैब संचालकों की जांच के लिए भेजा था। जिसमें शहर के दो लैब में जांच किया। जिसमें एक सार्वी लैब संचालक मौके पर उपस्थित नहीं होने के कारण उसके लैब को अधिकारियों द्वारा सील कर दिया गया। लेकिन दोबारा टीम द्वारा शनिवार को जांच के नाम पर सील को खोल दिया गया गया और कोई कार्रवाई भी नहीं हुई है।
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खास बात यह है कि पहली कार्रवाई में नर्सिंग होम एक्ट के नोडल अधिकारी डॉ. केडी पासवान व अन्य अधिकारी पहुंचे थे। वहीं दूसरी बार की कार्रवाई में प्रभारी सीएचएमओ पहुंचे थे। दूसरे बार पहुंचे प्रभारी सीएचएमओ जब जांच कर रहे थे, इस समय लैब संचालित होने का लाइसेंस भी नहीं था। इसके बाद भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की। ऐसे में इस बात की चर्चा शहर में जोरशोर से चल रही है।

क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में जब अधिकारियों से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि ५ सितंबर को टीम द्वारा जांच में पहुंचने पर लैब बंद था। इस दौरान लैब संचालक को बुलाने का प्रयास किया गया, लेकिन वे मौके पर नहीं पहुंच सका। इसके बाद टीम द्वारा उसे सील कर दिया गया। शनिवार को प्रशासनिक टीम के साथ स्वास्थ्य अधिकारी मौके पर पहुंच कर जब लैब संचालक का रजिस्टर की जांच किया गया तो उसके यहां एक भी डेंगू का जांच नहीं हुआ है। इस कारण दोबारा सील नहीं किया गया, लेकिन अधिकारियों को यह भी पता है कि उक्त संचालक के पास लायसेंस नहीं है। इसके बाद भी दोबारा सील नहीं किया गया जो समझ से परे है।

सीधी बात : टीके टोंडर, प्रभारी सीएचएमओ
सवाल : आप लोग लैब जांच में गए थे तो क्या मिला?
जवाब : उसके जांच रजिस्टर में डेंगू का एक भी जांच नहीं हुआ है।
सवाल : पहले क्यों सील किया था।
जवाब : उस समय टीम गई थी तो लैब संचालक नहीं मिला, इस कारण सील कर दिया गया था।
सवाल : क्या आज के जांच के बाद सील खोल दिया गया है
जवाब : हां जांच में नहीं मिला तो सील खोल दिया गया।
सवाल : उसके पास तो लायसेंस
भी नहीं है।
जवाब : हां लायसेंस तो नहीं है।
सवाल : सील खुल गया तो फिर से दोबारा चालू हो जाएगा।
जवाब : दोबारा चालू होगा तो फिर सील कर दिया जाएगा। हालांकि चालू नहीं करना चाहिए।

-05 सितंबर को हम जांच में गए थे, लेकिन संचालक के नहीं मिलने पर सील कर दिया गया था। आज डिप्टी कलेक्टर और प्रभारी सीएचएमओ जांच में गए थे, उन्होंने जांच के बाद सील खोल दिया है। हलांकि उसके पास लायसेंस नहीं है- डॉ. केडी पासवान, नोडल अधिकाारी, नर्सिंग होम एक्ट

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