पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी मोनिका भगत रायगढ़ के उर्दना की रहने वाली है। लैलूंगा के ग्राम रामपुर निवासी खेमराज करीब साल भर पूर्व में रायगढ़ में रह कर मजदूरी का काम करता था। इस दौरान मोनिका और खेमराज के बीच प्रेम प्रसंग स्थापित हो गया। इस बीच दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी बना और मोनिका गर्भवती हो गई। ऐसे में कुछ सप्ताह पहले ही खेमराज मोनिका को अपने घर ले गया। लेकिन खेमराज ने मोनिका से शादी नहीं की थी दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे थे।
Fraud: फर्जी आईडी बनाकर 29 लाख रुपए की ठगी करने वाले पति-पत्नी को पुलिस ने हावड़ा से किया गिरफ्तार इस बात से मोनिका को ऐतराज था। वहीं जब से मोनिका खेमराज के घर गई थी तब से उसका अपने पति और उसके घर वालों से किसी न किसी बात पर झगड़ा विवाद होता रहता था। छह जनवरी को मोनिका ने एक बच्चे को जन्म दिया। बच्चे के जन्म के बाद से ही मोनिका उससे नफरत करने लगी। न तो वह अपने बच्चे से प्यार करती थी और न ही उसे अपना दूध पिलाती थी। पुलिस ने बताया कि उस बच्चे को मोनिका की जेठानी दूध पिलाती थी। मोनिका हमेशा अपने पति से झगड़ा करके उसे रायगढ़ चल कर वहीं रहने के लिए जिद करती थी, लेकिन खेमराज अपने घर को छोडऩा नहीं चाहता था। वह मोनिका को अपने घर की बहू बना कर रखना चाहता था। इन सब का गुस्सा मोनिका ने अपने मासूम बेटे पर उतार दिया।
शुक्रवार को महिला का कथित पति छेरछेरा मांगने गया था। शाम में जब घर वाले अपने-अपने काम में व्यस्त थे तो महिला अपने बेटे को लेकर घर के आंगन तरफ निकली और पहले बच्चे का गला दबा कर उसे मौत के घाट उतार दिया। वहीं बच्चे के शव को घर से कुछ दूर आगे तालाब में जाकर फेंक दिया। इसके बाद महिला घर पहुंची और झूठी कहानी बना कर सबसे कहने लगी कि वह बच्चे को लेकर आंगन तरफ निकली थी तभी कोई अज्ञात लूटेरा आया और उसके हाथ से बच्चे को छीन कर ले गया। शनिवार की सुबह खेमराज के घर वालों ने इसकी जानकारी गांव वालों को दी तो धीरे-धीरे यह पूरे गांव में आग की तरह फैल गई। इसके बाद किसी ने डायल 112 को फोन कर घटना की जानकारी दी। फिर लैलूंगा पुलिस को भी इसकी जानकारी दी गई। सूचना मिलते ही लैलूंगा पुलिस दल बल के साथ मौके पर पहुंची और मौका मुआयना में जुट गई।
रातभर खोजती रही पुलिस
बच्चा लापता होने की सूचना मिलते ही डायल 112, पुलिस पेट्रोलिंग टीम व थाने की पुलिस रातभर अस्पताल, नर्सिंग होम, प्राइवेट क्लीनिक व आसपास के क्षेत्रों में बच्चे को ढंूढती रही, लेकिन बच्चे के बारे कुछ भी पता नहीं चला। तब पुलिस ने सोचा कि कोई भी आखिर छह दिन के बच्चे को क्यों किडनैप करेगा। न तो उसके माता-पिता फिरौती देने के लायक हैं और न ही उनकी किसी से दुश्मनी है। इसके बाद पुलिस को बच्चे की मां पर ही शंका हुई। आखिरकार 12 जनवरी की भोर में पुलिस ने महिला से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म स्वीकार किया और पुलिस को बताया कि वह यहां नहीं रहना चाहती थी और उसका पति रायगढ़ जाने को तैयार नहीं था, इसलिए उसने बच्चे की हत्या कर दी।