इस मामले में पुलिस मर्ग कायम कर विवेचना कर रही थी। इसी बीच पीएम रिपोर्ट आने पर खुलासा हुआ कि जानकी की हत्या (Murder) हुई है। ऐसे में पुलिस अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 302, 201 के तहत अपराध दर्ज कर उसकी पतासाजी कर रही थी।
ऐसे हुआ घटना का खुलासा
पुलिस ने बताया कि 29 जून की शाम पांच बजे मृतिका अपने मायके घरघोड़ी आई थी और उसी रात अचानक क्या हुआ कि उसकी हत्या (Murder) कर दी गई। चूंकि मृतिका की मौत उसके मायके गांव में हुई थी। ऐसे में पुलिस के लिए यह मामला काफी पेचिदा हो गया था कि कौन उसकी हत्या (Murder) कर सकता है। ऐसे में पुलिस ने मृतिका के घर वालों से लगातार पूछताछ की तो इस बात का खुलासा हुआ कि 29 जून की रात किसी बात को लेकर जानकी का उनके पिता के साथ झगड़ा हुआ था। फिर पुलिस ने जानकी के पिता सुंदर उरांव से पूछताछ की तो वह पहले पुलिस को घुमाता रहा, जब पुलिस ने सख्ती दिखाई तो उसने अपना जुर्म कबूल लिया और इस घटना में अपने भतीजे को भी शामिल होना बताया।
इसलिए बेटी को जान से मारा
पुलिस की पूछताछ में आरोपी सुंदर उरांव ने बताया कि उसकी बेटी का गांव के एक युवक के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। वह उसके साथ भागने वाली थी। वहीं जिस दिन वह मायके आई उस दिन भी उक्त युवक के साथ फोन पर बात कर रही थी। जिसे सुंदर उरांव ने देख लिया और अपनी बेटी को फटकार लगाई तो उलटा उसकी बेटी सुंदर को ही डांट दी। ऐसे में सुंदर का पारा चढ़ गया और घटना दिनांक की रात वह सो रही बेटी के नाक और गर्दन को दबाया और पत्थर से गर्दन पर वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद अपने भतीजे रोहित उरांव के साथ मिल कर बेटी की लाश को गांव के श्मशान घाट के पास ले गया और साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से शव को बरगद पेड़ में फांसी के फंदे पर लटका दिया। (Raigarh Murder Case)