जिसकी वजह से पीडि़ता ने आश्रय को लेकर पुलिस के आला अधिकारी से संपर्क कर न्याय की गुहार लगाई थी। जिसके बाद पीडि़ता तो फिल्हाल सखी वन स्टॉप सेंटर में रखा गया है। वहीं उसके संबंध में जल्द ही कोई उचित कदम उठाने की बात कही जा रही है।
प्रेम विवाह में एक बहू व उसके गोद मे डेढ़ माह के मासूम को ससुराल से बेदखल करने का मामला सामने आया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पीडि़त महिला कोतवाली थाना क्षेत्र के एक मुहल्ले की है। जिसने करीब डेढ़ साल पहले प्रेम विवाह में पहचान के युवक के साथ शादी की थी।
कुछ माह पहले पुलिस ने उसके पति को आम्र्स एक्ट के जेल दाखिल कर दिया था। जिसकी वजह से गर्भवती महिला पति से दूर हो गई। पति के जेल में रहने के बीच महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। अब उसकी उम्र डेढ़ माह हो गई है। पर इन डेढ़ माह के संघर्ष के बीच महिला व उसके बच्चे को ससुराल पक्ष, खासकर सास व ससुर ने अपनाने से इंकार कर दिया। जिसे लेकर महिला ने शहर के कई चर्चित लोगों से भी इस मामले में दखल देकर उचित पहल करने की बात कही। पर उसके ससुराल के लोगों ने किसी की एक ना सुनी। अंत में पीडि़ता थक हार के अपने गोद में डेढ़ माह के बच्चे के साथ पुलिस के आला अधिकारी के कार्यालय पहुंची। जहां अपने डेढ़ माह के मासूम के साथ खुद को आश्रय दिलाने की मांग की।
Read more : #सड़क उखाड़ कर छोड़ दिया ठेकेदार ने, धूल से लोग हो रहे परेशान
महिला सेल को दी जिम्मेदारी
एएसपी हरीष राठौर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इस मामले की जिम्मेदारी महिला सेल का सौंपी। वहीं पीडि़ता को हर संभव मदद दिलाने की बात की। महिला सेल की टीम पीडि़त महिला के ससुराल पक्ष के साथ चर्चा की। पर वो प्रेम संबंध व खुद को समाज में बने रहने की बात कह महिला को अपनाने से इंकार कर दिया। ऐसी स्थिति में महिला सेल की टीम ने पीडि़त महिला व उसके गोद में मौजूद डेढ़ माह के बच्चे को अल्प अवधि के लिए फिलहाल सखी वन स्टॉप सेंटर में आश्रय दिलवाया है। वहीं उसके स्थायी रुप से रहने को लेकर पहल की जा रही है।
ससुराल में रह चुकी है पीडि़ता
पीडि़ता ने अपने बयान में इस बात की जानकारी दी है कि जब उसने प्रेम विवाह में शादी की थी। तब कुठ माह तक पति के साथ ससुराल में थी। पर ससुराल पक्ष के लोगों को व्यवहार देख कर पति मुझे लेकर अलग रहने लगा। पर उसके जेल जाने की वजह से किराए के मकान में रहना संभव नहीं था। मायके पक्ष से कमजोर होने की वजह से पीडि़ता के पास ससुराल के सिवा और कोई विकल्प नहीं था। पर उन्होंने ने भी आश्रय देने से मना कर दिया। जिसके बाद पीडि़ता ने पुलिस अधिकारी का दरवाजा खटखटाया था।