scriptआय बढ़ाने नगर निगम खोज रहा तरीका, अब ये प्रस्ताव बनाकर स्वीकृति के लिए भेजा संचालनालय | Proposal sent by corporation to recover property tax at collector rate | Patrika News

आय बढ़ाने नगर निगम खोज रहा तरीका, अब ये प्रस्ताव बनाकर स्वीकृति के लिए भेजा संचालनालय

locationरायगढ़Published: Jun 22, 2018 06:02:39 pm

Submitted by:

Shiv Singh

स्वीकृति मिल जाती है तो निगम कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार संपत्ति कर में वृद्धि करेगा और उसी गाइड लाइन के अनुसार वसूली होगी।

आय बढ़ाने नगर निगम खोज रहा तरीका, अब ये प्रस्ताव बनाकर स्वीकृति के लिए भेजा संचालनालय

आय बढ़ाने नगर निगम खोज रहा तरीका, अब ये प्रस्ताव बनाकर स्वीकृति के लिए भेजा संचालनालय

रायगढ़. नगर निगम के द्वारा अब संपत्ति कर को कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार वसूली किए जाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार करते हुए भी शासन को भेजा गया है। यदि वहां से इस बात की स्वीकृति मिल जाती है तो निगम कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार संपत्ति कर में वृद्धि करेगा और उसी गाइड लाइन के अनुसार वसूली होगी।
मौजूदा समय में नगर निगम में कुल आय करीब २० करोड़ रुपए है। इसमें संपत्ति कर से निगम को वसूली करीब 9 करोड़ रुपए होती है। वहीं निगम के कुल आय को देखें तो हर समय तंगहाली की स्थिति निर्मित रहती है। ऐसे में निगम आय बढ़ाने के तरीके खोज रहा है। कुछ दिन पहले ही हरियाणा की टीम नगर निगम पहुंची थी। इस टीम के द्वारा निगम को आय बढ़ाने के तरीके बताए। मौजूदा समय में नगर निगम के द्वारा संपत्ति कर की जो वसूली की जाती है। वह जोन के अनुसार लिया जाता है।
यह भी पढ़ें
इंजीनियर के अधीन काम करने वाले कम्प्यूटर ऑपरेटर पर आया पत्नी का दिल, फिर पति को रास्ते से हटाने रची ये साजिश, पढि़ए खबर…

निगम ने शहर को पांच जोन में विभाजित किया है। वहीं जोन वार टैक्स का स्लेब निर्धारित है। इसमें निगम को कम आय होता है। वहीं यह बताया जा रहा है कि कुछ अन्य नगर निगमों में कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार टैक्स का दर निर्धारित होता है।
कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार जिस क्षेत्र में जमीन का दर होता है। उस दर के अनुसार निगम के द्वारा टैक्स लिया जाता है। ऐसे में निगम के द्वारा भी इसका प्रस्ताव बनाया गया है। वहीं इस प्रस्ताव को शासन को भेजा गया है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो इस प्रस्ताव को सूडा के माध्यम से स्वीकृति मिलना है। यदि निगम के इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिल जाती है तो आने वाले दिनों में नगर निगम शहरवासियों से कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार संपत्ति कर की वसूली करेगी।

परिषद नहीं कर सकेगा हस्तक्षेप
टैक्स बढ़ाने की जब भी बात आती है, तो सबसे पहले यह एमआईसी में जाता है। वहीं एमआईसी के माध्यम से इसे परिषद में भेजा जाता है। परिषद में यह बात को लेकर चर्चा होती है। वहीं अधिकांश समय यह सहमति बनती है कि टैक्स में बढ़ोत्तरी नहीं की जाएगी। इससे निगम टैक्स नहीं बढ़ा जाता। अब निगम ने जो प्रस्ताव भेजा है उसे स्वीकृति मिलती है तो इसमें परिषद भी हस्तक्षेप नहीं कर सकेगा और जब भी कलेक्टर दर पर संपत्ति का दर बढ़ेगा, तब निगम टैक्स में बढ़ोत्तरी कर सकेगा।

लोगों पर बढ़ेगा टैक्स का भार
कलेक्टर गाइड लाइन पर गौर करे तो हर दो से तीन साल में नया गाइड लाइन तैयार होता है। इसमें अधिकांश संपत्ति के दर में बढ़ोत्तरी ही होती है। कुछ समय ही ऐसा होता है कि जब दर बीते वर्ष का दर यथावत रहता है। वहीं जब भी कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार संपत्ति के दर में बढ़ोत्तरी होगी, निगम के द्वारा टैक्स भी बढ़ा दिया जाएगा। इससे लोगों पर टैक्स का अतिरिक्त भार पड़ेगा। हालांकि अधिकारी यह कह रहे हैं कि यह मिनिमम बढ़ोत्तरी होगी।

दुकान का किराया भी बढ़ेगा
नगर निगम के द्वारा संपत्ति कर को बढ़ाने के साथ दुकानों के किराए के लिए नया प्रस्ताव तैयार किया है। मौजूदा समय में निगम के दुकानों का किराया 30 रुपए से पांच सौ रुपए तक है। वहीं दुकानें तीन साल के लिए अनुबंध की जाती है। अब जो नया प्रस्ताव बनाया गया है उसमें यह है कि दुकानें संबंधित हितग्राहियों को किराया पर दिया जाएगा। वहीं इसका अनुबंध समाप्त होने के बाद बाजार दर पर किराया निर्धारित किया जाएगा।

हालांकि इसमें अनुबंधि की तिथि १० से १५ साल तक किया जा सकता है। वहीं नए अनुबंध में किराया बढ़ोत्तरी के साथ किराए पर लेने के लिए दुकान संचालन करने वाले हितग्राही को ही प्राथमिकता दी जाएगी। वहीं यदि वह किराया बढ़ोत्तरी के साथ दुकान लेने में सक्षम नहीं होगा तो उक्त दुकान की नए दर के साथ नीलामी की जाएगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो