एनटीपीसी का मामला : बोनस दिलाने लीज अवधि में किया बंटवारा
एनटीपीसी लारा में बोनस राशि का लाभ दिलाने के लिए एक क्रशर संचालक
की जमीन का लीज अवधि के अंदर तीन टुकड़े करते हुए बंटवारा कर दिया गया।
NTPC case: Bonus distribution divided into lease period
रायगढ़. एनटीपीसी लारा में बोनस राशि का लाभ दिलाने के लिए एक क्रशर संचालक की जमीन का लीज अवधि के अंदर तीन टुकड़े करते हुए बंटवारा कर दिया गया। आश्चर्य की बात तो यह है कि यह बंटवारा भी एनटीपीसी लारा के लिए अधिसूचना प्रकाशित होने के महज एक साल पहले की गई है।
इतना ही नहीं अब इस बंटवारे को तहसीलदार और एसडीएम सही बतते हुए बोनस राशि के लिए पात्रता प्रमाण पत्र जारी करते हुए एनटीपीसी को पत्र जारी कर दिया गया है। इस पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि एनटीपीसी के प्रभावित क्षेत्र में आने के कारण उत्खनन कार्य प्रभावित हो रहा है। इससे सीधा आशय यह है कि बोनस के लिए पत्र लिखने के पूर्व यह पता था कि उक्त खसरे में उत्खनी पट्टा जारी हुआ है उसके बाद भी बंटवारा हुआ है। सरकारी रिकार्ड के अनुसार देखा जाए तो डोंगीतराई निवासी घनश्याम पटेल ने वर्ष 2008-09 में कांदागड़ में खसरा नंबर 156 में पत्थर खदान के लिए 2010 से 2020 तक का लीज लिया गया।
चूंकि उक्त क्षेत्र एनटीपीसी के प्रभावित क्षेत्र में आ रहा था इसलिए घनश्याम पटेल के क्रशर के साथ ही 6 अन्य क्रशर का लीज निरस्त करने के लिए शासन को भेजा गया और फिर मार्च 2016 में लीज निरस्त किया गया। इसके पहले ही सारा खेल खेल दिया गया है। खनिज विभाग की माने तो खनन अधिनियम के तहत किसी भी खदान का लीज अवधि में बंटवारा नहीं किया जा सकता है।
इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि खनन प्रायोजनार्थ के लिए पट्टा जारी करने के पूर्व खनिज विभाग से अनुबंध निष्पादन किया जाता है इसलिए इस लीज अवधि में उक्त जमीन का न तो बंटवारा किया जा सकता है न ही नामांतरण किया जा सकता है। लेकिन इन नियमों को दरकिनार करते हुए सिर्फ और सिर्फ बोनस राशि का लाभ दिलाने के लिए उक्त जमीन के तीन टुकड़े कर दिए गए।