घटना को अंजाम देने के बाद चालक फरार हो गया है। फिलहाल ट्रक मालिक द्वारा पीडि़त परिजनों को क्षतिपूर्ति राशि 65 हजार रुपए दिए जाने से दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है और पीडि़त मकान मालिक ने रिपोर्ट दर्ज कराने से मना कर दिया है। घटना कोतरारोड थाना क्षेत्र की है।
इस बात को लेकर आक्रोशित हैं लोग, पुलिस को दिया अल्टीमेटम, 24 को नगरबंद करने का किया ऐलान पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 17 अगस्त की भोर में करीब चार बजे ट्रेलर क्रमांक सीजी-13 एल-1600 का चालक डीबी पॉवर से कोयला खाली कर रायगढ़ आ रहा था। जहां से वह ओडिशा जाता, लेकिन इससे पहले कोतरारोड थाना क्षेत्र अंतर्गत बैसपाली गांव के पास ट्रेलर के चालक ने तेज एवं लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाते हुए सड़क किनारे स्थित दिलीप कुमार डनसेना के घर के बाउंड्रीवाल को तोड़ते हुए वाहन को गौठान में घुसा दिया। इससे एक गाय की मौत हो गई।
अचानक हुए धड़ाम की आवाज से पूरे घर वालों की नींद टूट गई और सभी अपने कमरे से निकल कर देखे तो उनके घर में ट्रेलर घुसी हुई है और उनकी गाय भी मर गई है। जबकि चालक तत्काल मौके से फरार हो गया था। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मौका मुआयना में जुट गई थी।
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घटना की जानकारी जब आसपास के लोगों को हुई तो वे सैकड़ों की संख्या में मौके पर पहुंच गए और पीडि़त परिजनों के साथ मिलकर चक्काजाम पर बैठ गए। चक्काजाम की सूचना मिलते ही कोतरारोड टीआई रूपक शर्मा मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने में लग गए।
ग्रामीणों की मांग थी कि पहले दिलीप डनसेना को ट्रक मालिक द्वारा तत्काल क्षतिपूर्ति राशि दिलाई जाए। तब टीआई ने गाड़ी के नंबर से गाड़ी मालिक की जानकारी ली तो पता चला कि उक्त ट्रेलर रायगढ़ के संजय अग्रवाल का है। इसके बाद पुलिस ने संजय से फोन पर बात की तो उसने बताया कि वह बाहर है, लेकिन मौके पर वह अपने सुपरवाइजर को भेज रहा है। इसके कुछ देर बाद सुपरवाइजर मौके पर आया और पीडि़त परिजन को तत्काल 65 हजार रुपए दिया।
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चक्काजाम में बैठे ग्रामीणों का मकसद पीडि़त को सिर्फ क्षतिपूर्ति राशि दिलाना ही नहीं था। उनकी यह भी मांग थी कि इस घटना में गांव का सार्वजनिक बोर पंप भी डैमेज हुआ है और करीब एक वर्ष पूर्व डीबी पॉवर से आ रहे भारी वाहन के पलटने से जो तालाब की पचड़ी क्षतिग्रस्त हुई है उसका भी सुधार कार्य करवाया जाए। ऐसे में मौके पर डीबी पॉवर के अधिकारी-कर्मचारी भी पहुंचे हुए थे।
उन्होंने बोरपंप सुधार व पचड़ी निर्माण के लिए ग्रामीणों को आश्वासन दिया और उनसे एक सप्ताह का समय मांगा, इसके बाद ही ग्रामीण शांत हुए और चक्काजाम बंद हुआ। इस दौरान ग्रामीणों ने करीब छह घंटे तक चक्काजाम कर दिया था।
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