प्रेसवार्ता के दौरान गजल गायक रियालिटी शो के कार्यक्रम आ रहे हैं। इसमें हालांकि कुछ ऐसे कलाकार भी हैं, जो बहुत अच्छा गाते हैं। वहीं इसमें कुछ ऐसे कलाकार भी हैं जिन्हें जल्द प्रसिद्धी तो मिल जाती है, लेकिन कुछ दिनों बाद लोग उन्हें भुलाना शुरू कर देते हैं। वहीं गायन के क्षेत्र में शार्टकट तरीके से प्रसिद्धी पाने के वाले लोगों पर कहा कि कुछ ऐसे भी बच्चे हैं जो गायन के क्षेत्र में शार्टकट तरीके से प्रसिद्धी पाना चाहते हैं, लेकिन यह प्रसिद्धी आसानी से नहीं मिलती। वहीं मौजूदा दौर में गजल के गजल को लेकर उनका कहना था कि गजल पर्द के पीछे चली गई है। इसके आगे लाने की आवश्यकता बताई। उनका कहना था कि पहले जो गजल गायक थे, वे गहरी सोच के साथ गजल लिखते थे, लेकिन आज के दौर में ऐसा गजल नहीं आ पा रहा है। शास्त्रीय संगीत को सहेजने को लेकर पूछे गए एक सवाल पर गजल गायिका सोनाली राठौड़ का कहना था कि गजल शास्त्रीय संगीत को सहेजने की आवश्यकता है। इसके लिए उन्होंने सरकार के द्वारा प्रयास किए जाने की बात कही। सोनाली राठौड़ का कहना था कि शास्त्रीय संगीत को सहेजने के लिए देश के कुछ जगहों पर शास्त्रीय संगीत विद्यालय खोला जाना चाहिए। साथ ही उन संगीत विद्यालयों में जो नामी कलाकार हैं उन्हें उस संस्था का संचालन करने की जिम्मेदारी दिया जाना चाहिए।
समारोह में आने को लेकर लग गए वर्षांे
प्रेसवार्ता के दौरान गजल गायक रूप कुमार राठौड़ ने चक्रधर समारोह की सराहना की। वहीं उनका कहना था कि यह ऐसा मंच हैं, जहां बड़े-बड़े कलाकारों ने कार्यक्रम प्रस्तुत किया है। उन्हें इस कार्यक्रम में आने के लिए वर्षों लग गए। वहीं कहा कि इस कार्यक्रम में आने पर उन्हें बेहद खुशी मिल रही है।