रोजगार के लिए एसकेएस के सामने धरने पर बैठे ग्रामीण
खरसिया क्षेत्र के दर्रामुड़ा में स्थाापित एसकेएस कंपनी के मेन गेट
पर ग्रामीणों का दल धरने पर बैठ गया है। ग्रामीणों की ओर से रोजगार की
मांग की जा रही है।
SKS sitting on dharna in front of the rural employment
रायगढ़. खरसिया क्षेत्र के दर्रामुड़ा में स्थाापित एसकेएस कंपनी के मेन गेट पर ग्रामीणों का दल धरने पर बैठ गया है। ग्रामीणों की ओर से रोजगार की मांग की जा रही है।
ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी प्रबंधन तथा प्रशासन के साथ हुए समझौते के अनुसार विस्थापित परिवारों को नौकरी देने की बात कही गई थी। पर कंपनी अब इस मामले में आना-कानी कर रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि २४० लोगों की सूची बनाई गई थी। बकायदा इस सूची में धरने पर बैठे लोगों का नाम शामिल है इसके बाद भी कंपनी समझौते को नजरअंदाज कर रही है।
एक दिन पहले शुरू हुए धरने के दूसरे दिन भूपदेवपुर पुलिस मौके पर पहुंची थी और धरने पर बैठे ग्रामीणों को समझाने का प्रयास कर रही थी, पर कोई बात नहीं बन सकी।
हड़ताल पर बैठे लोगों का कहना है कंपनी की ओर से भूविस्थापितों को नौकरी देने के लिए इंटरव्यू लिया गया है। ऐसे में कंपनी की ओर से यह बात नहीं बताई जा रही है कि इनमें से कितनों को लिया गया है और कितनों को नहीं लिया गया है। साथ ही इसका भी जवाब नहीं दिया जा रहा है कि क्यों छांट दिया गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि भूविस्थापित परिवारों में से २४० को नौकरी दी जानी थी। इस बात की ही सहमति बनी थी। वर्तमान में जो सूचना आ रही है कि उसमें से २० से ४० लोगों को नौकरी नहीं दी जा रही है। इसके कारण इन लोगों ने कंपनी के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
नेता ही दे रहे हैं गच्चा
धरने पर बैठे प्रभावित किसानों का कहना है कि उनके साथ मध्यस्थता के नाम पर उनके रहनुमा ही गच्चा दे रहे हैं। वो कंपनी में अपने ठेके की दुकानदारी को चलाने के लिए ग्रामीणों के हितों की अनदेखी कर रहे हैं।
बातचीत के प्रयास
हड़ताल के दूसरे दिन यानि गुरुवार को कंपनी के मेन गेट पर जहां हड़ताली प्रदर्शन कर रहे थे वहीं पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंची थी,
पुलिस के अधिकारी कंपनी के अंदर बातचीत के लिए गए थे पर लंबे समय तक वो बाहर नहीं निकल सके थे इसके कारण अंदर क्या बात हुई इस बात की सूचना बाहर तक नहीं आ रही थी।
बताया गया कि सबको नौकरी दी गई
हड़ताल पर बैठे किसानों ने बताया कि पहले दिन धरना प्रदर्शन के दौरान भूपदेवपुर थाना प्रभारी कौशल्या साहू मौके पर पहुंची थी।
जब उन्होंने कंपनी के अधिकारियों से बात की तो कंपनी की ओर से कहा गया कि भू-अर्जन से प्रभावित सभी लोगों को नौकरी दे दी गई है। वहीं धरना प्रदर्शन कर रहे किसान जिस जमीन का खुद को मालिक बता रहे हैं उस जमीन के मुखिया का ही कहना है कि परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जा चुकी है।
कंपनी का कहना है कि इन लोगों को ठेका कंपनी के अंडर में रखा गया था इसके बाद भी ये लोग रेाजगार की जिद पर अड़े हुए हैं।