रायगढ़ का ऐतिहासिक जन्माष्टमी मेला धूम हुई शुरू
जिला सहित दिगर प्रांत से भी पहुंच रहे श्रद्धालु व्यवस्था सुधारने पुलिस प्रशासन मुस्तैद
रायगढ़ का ऐतिहासिक जन्माष्टमी मेला धूम हुई शुरू
रायगढ़. शहर के गौरीशंकर मंदिर व श्याम मंदिर सहित द्वारा दो साल बाद इस बार फिर से ऐतिहासिक कृष्ण जन्म उत्सव मनाने के लिए धूमधाम से तैयारी की है। साथ ही जन्मोत्सव पर मेला का भी आयोजन किया गया है। जो शिक्षा मंत्री व विधायक द्वारा मेला का शुभरंभ किया गया। वहीं गुरुवार शाम से ही मेला देखने के लिए लोगों का हुजुम जुटने लगा है। इस दौरान रायगढ़ जिला सहित आसपास के जिला व पड़ोसी राज्य ओडिशा से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हैं। इस बार शहर में दिवसीय मेला का आयोजन किया गया है। जिसमें बड़ी संख्या में बाहर से व्यवसायी भी पहुंचे हैं।
गौरतलब हो कि भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। जिससे हर साल इसी दिन कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। विगत दो सालों से देश में कोरोना संक्रमण का फैलाव होने के कारण मेला उत्सव नहीं मनाया जा रहा था, लेकिन अब स्थिति सामान्य होने के कारण इस बार जन्माष्टमी का त्यौहार 19 अगस्त को मनाया जा रहा है। साथ ही इस बार श्रीकृ़ष्ण जन्मोत्सव पर शहर के मेला का भी आयोजन किया गया है, जिसमें गौरी शंकर मंदिर और श्याम मंदिर समिति द्वारा एक से बढक़र एक इलेक्ट्रिानिक झांकी बनाई गई जो श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकृषित कर रही है। इन झांकियों का प्रदर्शन सुबह १० बजे से रात १० बजे तक संचालित की जा रही है, जिससे पूरे दिन शहर की सडक़ों पर भीड़ नजर आ रही है। साथ ही भक्तों के लिए पूरे दिन मंदिर का पट भी खोला गया है, जिससे दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु भगवान का दर्शनकर पूण्य का भागी बन रहे हैं। इस संबंध में समिति के सदस्यों ने बताया कि दो साल से मेला बंद होने के कारण इस बार और बेहतर तरीके से झांकी तैयार की गई है। जिसे देखकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो जा रहे हैं।
विशेष तरह से बनाया गया है मंदिर
शहर के प्राचीन गौरी शंकर मंदिर को दानवीर सेठ किरोड़ीमल ने १९४८ के मार्च माह में निर्माण कराना शुरू किया था, जो पूरे दो साल में तैयार हुआ। इस मंदिर को बनाने के लिए उस समय मुंबई से कारीगरों को बुलाया गया था जो सफेद संगमरमर से बनाया गया, जिसकी भव्यता आज भी जस की तस बनी हुई है। वहीं मंदिर काफी पुराना होने के बाद भी इसे देखने के लिए हमेशा दर्शनार्थी पहुंचते रहते हैं। वहीं मंदिर समिति के लोगों का कहना है कि यहां विगत ७५ साल से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर मेले का आयोजन किया जा रहा है।
पड़ोसी राज्यों से आते हैं श्रद्धालु
जन्माष्टमी के अवसर पर हर वर्ष लखों श्रद्धालु यहां पहुचते है. छत्तीसगढ़ के कई जिलों के साथ ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं में पडोसी राज्य ओडिसा, झारखंड, बिहार से भी लोग भी शामिल होते हैं, इस दौरान जो भक्त आते हैं वह भगवान शिव की भक्ती में खो जाते हैं। वहीं शहरवासी भी श्रद्धालुओं के सम्मान में पांच दिनों तक फ्री में भोजन का स्टाल लगाते हैं, जिससे श्रद्धालु भगवान के दर्शन के बाद भोजन करके मंत्र मुग्ध हो जा रहे हैं।
झांकियां बनी आकर्षण का केंद्र
जन्माष्टमी के अवसर पर गौरीशंकर मंदिर और श्याम मंदिर सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र रहता है। खाटू श्याम मंदिर के सामने लगे चलित मूर्तियों की झांकियों में कृष्ण जन्म से लेकर बालपन की लीलाओ का जिवंत रुप से दिखाया जा रहा है। साथ ही इस बार छत्तीसगढ़ी महतारी की झांकी भी लोगों को काफी आकृषित कर रही है। इसके साथ ही समंद्र मंथन, हनुमान भक्ती सहित तरह-तरह के झांकी तैयार की गई है। जो पांच दिनों तक लोगों के आकृष्ण का केंद्र रहेगा।
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