कलेक्टर से शिकायत करने पहुंचे दर्जनों की संख्या में मजदूरों से जब उनकी पीड़ा पूछी गई तो वह काफी निराश दिखे। उन्होंने कहा कि डोंगामहुआ में संचालित पावर प्लांट के खिलाफ कोई भी अधिकारी कुछ सुनने का नाम नहीं ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह लोग कंपनी में एक मजदूर ठेकेदार के अंडर में काम करते हैं। ठेकेदार तुषार पटेल ने उन्हें अब तक अगस्त माह की मजदूरी नहीं दी है। उन्होंने बताया कि उसने अगस्त और सितंबर दोनों महीने आधी मजदूरी का ही भुगतान किया है। इस तरह उन्हें अब तक सितंबर माह की मजदूरी नहीं मिली है।
दी जाती है धमकी
मजदूरों द्वारा जब मजदूरी भुगतान को लेकर ठेकेदार से संपर्क किया जाता है तो कोई आश्वासन नहीं मिलता है बल्कि वह कहता है कि वह उन्हें नौकरी से निकाल देगा। उन्होंने कहा कि उनका शोषण किया जा रहा है। उन्हें काम से निकालने की धमकी दी जा रही है।
लिया जाता है 12 घंटे काम
लेबर एक्ट की बात करें तो किसी भी मजदूर से 8 घंटे से अधिक काम नहीं लिया जाना है। यदि विषम परिस्थिति में ऐसा होता भी हो तो उसे ओवर टाइम दिया जाना है। साथ ही उसे सप्ताह में एक सवेतनिक अवकाश दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन उक्त कंपनी इन नियम कायदों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। मजदूरों ने कलेक्टर से शिकायत की है कि उनसे कंपनी का ठेकेदार 12-12 घंटे काम लेता है और सही दर पर मजदूरी भुगतान न कर उनका शारीरिक और मानशिक शोषण कर रहा है।
-ठेकेदार द्वारा किस्तों में मजदूरी भुगतान किया जा रहा है, इसके कारण परिवार भूखों मरने के कगार पर है। कर्ज बढ़ जाता है। अगस्त माह का आधा भुगतान सितंबर के अंत में मिला है इसके कारण मजदूरों को परेशानी हो रही है।
-अगस्त माह का कुछ भुगतान सितंबर में किया गया है और अगस्त का शेष भुगतान तीन दिन पूर्व कर दिया गया है। रही बात मजदूरों का शोषण करने का आरोप पूरी तरह से गलत है। पूरे नियम से काम किया जा रहा है।
-तुषार पटेल, लेबर कान्ट्रेक्टर