4 दिन पहले शहर के सतीगुड़ी चौक पर एक 3 साल का बच्चा, राह चलते लोगों को रोते हुए मिला। जब उस बच्चे से उसके घर के बारे में पूछा गया तो छोटी उम्र की वजह से वो कुछ बताने में असमर्थ था। ऐसे में, उसे कोतवाली लाया गया और उसके परिजनों की खोज शुरु हुई। पतासाती में यह बासत सामने आई कि उसके माता पिता, दो अलग अलग धर्म के हैं।
जिन्होंने कुछ साल पहले प्रेम संबंध के बीच शादी की थी। इस बीच मां का किसी और के साथ
प्यार हो गया तो वो पतिव बच्चे को छोड़ कर चली गई। जबकि उसके पिता ने भी दूसरी औरत से शादी कर ली।
इस बीच स्थानीय लोगों ने बच्चे को उसके नाना, नानी व मामा को देेने का मन बनाया। पर उन्होंने यह कहते हुए उक्त मासूम को अपनाने से इंकार कर दिया कि यह तो दूसरे धर्म का खून है। हम इसे कैसे अपना सकते हैं। जब नाना-नानी से अपनाने से इंकार कर दिया तो उक्त मासूम को अनाथ बच्चों की संस्था में रखने के सिवा और कोई विकल्प नहीं था। ऐसे में, मासूम को कोतवाली पुलिस की जानकारी में अनाथ बच्चों की लोचन नगर स्थित मातृ निलयम संस्था में रखा गया है।
एक दिन रोया फिर बच्चों में घुल मिल गया
मातृ निलयम संस्था के प्रमुख एसएस मोहंती ने बताया कि जब बच्चे को पहले दिन संस्था लाया गया था तो वो बहुत रो रहा था। शायद अपनों से दूरी मासूम को खल रही होगी। पर समय के साथ अन्य बच्चों से मिलने जुलने के बाद मासूम समान्य हो गया है। अब उसके चेहरे पर हमेशा मुस्कान ही रहती है।