होटल कारोबारियों के मुताबिक आमतौर पर शादियों में संगीत समारोह और रिसेप्शन मिलाकर डेढ़ से 3000 लोग शिरकत करते थे, जिसमें 8 से 10 लाख रुपए की लागत आती थी, लेकिन अब यह खर्चा ढ़ाई से 3 लाख में सिमट कर रह जाएगा। होटलों के क्षेत्रफल के मुताबिक अधिकतम 200 से 300 लोग ही समारोह में शामिल हो जाएंगे।
इधर जिला प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक ऑनलाइन आवेदनों में से राजधानी में 3005 शादियों को अनुमति मिल चुकी है, जबकि आवेदनों की संख्या 3500 से अधिक है। इसमें 70 फीसदी से अधिक शादियां नवंबर और दिसंबर से शुभ मुहुर्त में होने वाले हैं। होटल,मैरिज पैलेस के अलावा भवन और घरों में भी विवाह सम्पन्न होंगे।