बारिश से 100 एकड़ फसल बर्बाद, किसानों ने मांगा शासन से मुआवजा
पैरी नदी की बाढ़ से कई गांवों में भरा पानी, फसल डूब गई
गरियाबंद. लगातार बारिश होने से पैरी नदी के पानी का डरावना दृश्य।
गरियाबंद. पिछले दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश बुधवार को थम गई है लेकिन इन दो दिनों में बारिश से आई बाढ़ से कई ग्रामीणों के घर ढह गए तो पैरी नदी के किनारे से बसे गांवों के किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल डूब गई। ऐसे में अब पीडि़त परिवार मदद के लिए प्रशासन की ओर देख रहे हैं। इनका कहना है कि पैरी नदी के तट बंध बनाने के लिए पिछले 50 साल से मांग कर रहे हैं लेकिन इस समस्या को कोई सुनने वाला नहीं है और हर साल फसल बर्बाद होती है।
भादो माह की इस बारिश से गरियाबंद नगर में दुकानों,मकानों से लेकर सड़क तक पानी ही भर गया था और कई संपर्क मार्ग भी अवरूद्ध हो गए थे। बुधवार को बारिश थमने से सामान्य जनजीवन पटरी पर लौटता दिखाई दिया। आवागमन भी शुरू हो गया है लेकिन बाढ़ के पानी की निकासी न होने से कहीं-कहीं अभी भी जल जमाव बना हुआ है। नेशनल हाइवे के किनारे पैरी नदी के किनारे बसे ग्राम पंचायत सरकड़ और कोपरा सहित कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया था। इस बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान यहीं हुआ है। यहां के किसानों की लगभग 500 एकड़ जमीन पानी में डूब जाती है। इसमें लगभग१०० एकड़ में फसल लगी थी। जिन किसानों की फसल डूब गई है, उनमें कुमुन्द निषाद, हसन साहू, नारद निषाद, कुंजराम वर्मा, बृजलाल साहू, टुकेश्वर कंवर, बैशाखू, भुनेसर राम आदि मुख्य हैं। किसान बताते हैं कि पिछले 50 वर्षों से तटबंध बनाने के लिए हम लोग आवेदन दे दे कर थक चुके हैं पर सरकार और जिला प्रशासन हमारी और कोई ध्यान नहीं देते और हर साल हम बाढ़ झेलते हैं हैं। इस बार भी फसल बर्बाद हो गई और शासन से मुआवजे की मांग करते हैं
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