संचालक के आदेश पर नियंत्रक ने लिया फैसलाउच्च न्यायालय का आदेश क्रमांक 1895/19 में विभाग के सचिव/संचालक को संजय कौशिक के आवेदन पर निर्णय लेने का आदेश है। नियंत्रक खाद्य शाखा को उच्च न्यायालय ने कोई लिखित आदेश नही दिया है। उच्च न्यायालय के आदेश पर स्वयं विचार करना, न्यायालय के अधिकार क्षेत्र पर अतिक्रमण है। वास्तविकता ये है कि नियंत्रक के खिलाफ संजय कौशिक ने उनको पदभार न देने के संबंध में उच्च न्यायालय के आदेश का पालन न करने के लिए अवमानना याचिका लगाई गई है। शिकायत नहीं, फिर भी यह कैसा पत्र नियंत्रक को एफओ संजय कौशिक के किसी मान्यता प्राप्त कर्मचारी संघ के सदस्य होने के संबंध में प्रस्तुत शपथ पत्र और आवदेन के संबंध में कोई लिखित शिकायत नही मिली है। इसके बावजूद नियंत्रक ने संचालक को पत्र लिख दिया। इस पर कर्मचारी संघ विरोध पर उतर आया है। आखिर क्यों नहीं कराई एफआईआर नियंत्रक ने अपने पत्र में लिखा है कि गोबरानवापारा की एक दुकान में गड़बड़ी की शिकायत पर संजय कौशिक ने कार्रवाई नहीं की। गोबरानवापारा की मां काली प्राथमिक उपभोक्ता भंडार की शिकायत परमानंद जांगड़े के द्वारा संजय कौशिक के हटने के बाद ईओडब्ल्यू में की थी। इसकी जांच तत्कालीन खाद्य निरीक्षक वीणा किरण से कराई। उक्त दुकान में 650 क्विंटल चावल की कालाबाजारी का प्रकरण बना है। खाद्य नियंत्रक के पास प्रकरण लगभग आठ महीने से पड़ा है। अभी तक एफआईआर नहीं कराई गई है।[typography_font:14pt;” >रायपुर. मंत्री के रिश्तेदार की दुकान पर कार्रवाई करने वाले अधिकारी को लेकर रायपुर खाद्य नियंत्रक के पत्र के मामले का विरोध शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी संघ ने विभाग के सचिव को पत्र लिखकर फूड कंट्रोलर के खिलाफ कार्रवाई और रायपुर से हटाने की मांग की है। संघ ने अपने पत्र में लिखा है कि कंट्रोलर द्वारा बार-बार रायपुर कलेक्टर को बाइपास कर कई एेसे आदेश-निर्देश जारी किए हैं जो नियम विरुद्ध है। इसमें नगर निगम के परिसीमन के पहले के वार्ड के आधार पर इंस्पेक्टर पोस्टिंग, बिना लिखित आदेश के पेट्रोल पंप, राशन दुकान, राइस मिल की जांच आदि शामिल है। कलेक्टर की जानकारी के बगैर निरीक्षकों के एरिया को जोड़ा व घटाया भी गया। जबकि एेसे आदेशों पर कलेक्टर का अनुमोदन अनिवार्य है। हाल ही में खाद्य निरीक्षक संजय कौशिक के एरिया में एक नए पेट्रोल पंप की जांच दूसरे खाद्य निरीक्षक से कराई गई है। नियम विरुद्ध बारदाना गोदाम की जांच करवाई गई, जबकि कलेक्टर और खाद्य विभाग से इसके लिए कोई आदेश नहीं आया था। नियम विरुद्ध कार्रवाई की कर दी अनुशंसाखाद्य नियंत्रक अनुराग सिंह भदौरिया ने मंत्री के रिश्तेदार की राशन दुकान पर कार्रवाई करने से नाराज होकर एक एफओ पर कार्रवाई के लिए अनुशंसा पत्र विभाग के संचालक को लिखा था। जिसके जवाब में कर्मचारी संघ ने पत्र के माध्यम से कंट्रोलर के पत्र को तथ्यहीन बताया है। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार एफओ संजय कौशिक, अभनपुर में पदस्थ हैं। कंट्रोलर के द्वारा संजय कौशिक को रायपुर में पदस्थ किया गया है। अभनपुर में संजय कौशिक को एक साल पहले हटा दिया गया है। उनके बाद वीना किरण और अब रीना साहू फूड इंस्पेक्टर है।खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के संचालक कमलप्रीत सिंह का कहना है कि संघ की शिकायत मिली है। इस संबंध मे जांच की जाएगी। नियंत्रक से इस संबंध में पत्र के माध्यम से जवाब मांगा जाएगा। छत्तीसगढ़ कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष जीपी बुधौलिया का कहना है कि संचालक को ज्ञापन सौंप कर कंट्रोलर को हटाने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर आंदोलन करेंगे।खाद्य शाखा, रायपुर के नियंत्रक अनुराग सिंह भदौरिया का कहना है कि मेरे खिलाफ कर्मचारी संघ ने जो शिकायत की है, उसकी प्रति मुझ तक अभी नहीं पहुंची है। इसलिए मैं कुछ नहीं कह पाउंगा।