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रायपुर

जिंदगी पहले जरूरी, लेकिन 8 जिलों में लॉकडाउन से रोज 1200 करोड़ का झटका

Lockdown Latest News: छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में लॉकडाउन की वजह से रोजाना 1200 से 1300 करोड़ के व्यापार का भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

रायपुरApr 11, 2021 / 03:55 pm

Ashish Gupta

रायपुर. कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बाद व्यापारिक संघों का भी मानना है कि जिंदगी पहले जरूरी है, लेकिन प्रदेश के अलग-अलग जिलों में Lockdown की वजह से रोजाना 1200 से 1300 करोड़ के व्यापार का भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिस तरह COVID-19 के मामले बढ़े हैं इससे व्यापारिक और औद्योगिक संगठनों ने एक स्वर में लॉकडाउन का समर्थन किया, लेकिन इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा। वर्तमान में 8 जिलों में लॉकडाउन की शुरूआत हो चुकी है, जो कि 14,19 और 26 अप्रैल तक लागू रहेगी।

प्रदेश की आर्थिक राजधानी होने की वजह से रायपुर से ना सिर्फ अन्य जिलों का व्यापार संचालित होता है, बल्कि पड़ोसी राज्य जैसे ओडिशा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, झारखंड और पं. बंगाल तक भी छत्तीसगढ़ से कारोबारी रिश्तें जुड़े हैं। ऐसे में रिटेल, होलसेल सहित स्टील, रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल्स, सराफा, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, अनाज, फर्नीचर, मोबाइल आदि का कारोबार प्रभावित हो चुका है। लगातार दूसरी बार शादियों के सीजन में लॉकडाउन की वजह से कारोबार को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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उद्योगों में दो शिफ्ट में काम, उत्पादन घटा
स्पंज आयरन, मिनी स्टील प्लांट, रोलिंग मिल, इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट में तीन शिफ्ट की जगह अब दो शिफ्ट में काम शुरू हो चुका है। फैक्ट्रियों में काम करने वाले अनियमित मजदूर और कर्मचारी घर लौट रहे हैं। राजधानी के उरला, सिलतरा, भनपुरी, बलौदाबाजार आदि इलाकों में फैक्ट्री प्रबंधन ने घाटे की भरपाई करने के लिए शिफ्ट घटाने के साथ उत्पादन भी कम कर दिया है।

लॉकडाउन की वजह से इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट को बुरे दौर का सामना करना पड़ा था। शादियों के सीजन में इस बार भी इलेक्ट्रॉनिक्स के कारोबार को बड़ा झटका लगा। बंद की वजह से सराफा में खरीदारी के साथ ही ऑटोमोबाइल्स सेक्टर में भी गाडिय़ों का उठाव नहीं हो पा रहा है।

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व्यापारी संघों ने कहा-जिंदगी पहले जरूरी
चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ ही क्रेडाई छत्तीसगढ़, रायपुर सराफा एसोसिशएन, रायपुर ऑटोमोबाइल्स डीलर्स एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ प्रदेश मोबाइल डीलर्स एसोसिएशन, डूमरतराई थोक सब्जी बाजार, डूमरतराई थोक किराना बाजार, श्री बंजारी रोड बाजार, एमजी रोड व्यापारी संघ, रविभवन व्यापारी संघ आदि संघों के पदाधिकारियों ने कहा कि अब हमें कोरोना से मिलकर लड़ना होगा। जिंदगी पहले जरूरी है। हमारी मांग है कि कोविड-19 के प्रकरणों में कमी आते ही बाजार शुरू करने पर विचार करना चाहिए। व्यापार और उद्योग घराने आगे भी शासन-प्रशासन के निर्णयों में सहयोग करेंगे।

चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष अमर परवानी ने कहा, हम लॉकडाउन के पक्ष में नहीं थे, लेकिन बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर प्रशासन के फैसले का चैंबर ने समर्थन किया। राजधानी बंद होने की वजह से ना सिर्फ प्रदेश के जिले बल्कि पड़ोसी राज्यों से व्यापार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बाजार खुलने के बाद संभलने में फिर वक्त लगेगा।
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मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सुराना ने कहा, लॉकडाउन में मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन ने उत्पादन 30 से 40 फीसदी घटाने का निर्णय लिया है। मजदूरों वापस जा रहे हैं। रॉ-मटेरियल्स की महंगाई की वजह से फैक्ट्रियों को घाटा का सामना करना पड़ रहा है। बंद की वजह से बाजार में डिमांड नहीं है। इसलिए उत्पादन घटाने का निर्णय लिया गया।

लॉकडाउन इन जिलों में

रायपुर- 9 से 19 अप्रैल

बेमेतरा-बालोद और राजनांदगांव -10 से 19 अप्रैल

जशपुर-11 से 18 अप्रैल

कोरिया-11 से 19 अप्रैल

धमतरी-11 से 26 अप्रैल

दुर्ग-6 से 14 अप्रैल

रोज व्यापार प्रभावित
स्टील/स्पंज/मिनी स्टील/माइनिंग/सूक्ष्म एवं लघु उद्योग-500-600 करोड़
ट्रेडर्स/रिटेल/होलसेल-200-300 करोड़
रियल एस्टेट-150-200 करोड़
सराफा- 50-60 करोड़
ऑटोमोबाइल्स-30-40 करोड़
इलेक्ट्रॉनिक्स-100-120 करोड़
इलेक्ट्रिकल-50-60 करोड़
मोबाइल/गैजेट्स-30-40 करोड़
एफएमसीजी-60-70 करोड़
अन्य- 30-40 करोड़

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