रायपुर जिले के कोरोना टेस्ट तकनीशियनों ने बताया कि किट के इस्तेमाल के वक्त जैसे ही सैंपल में वीटीएम डालते हैं तो सी लाइन डिस्प्ले हो जानी चाहिए। जो कई किट में नहीं हो रही। जिनमें हो रही है उसमें आधे घंटे के बाद ‘सी’ लाइन गायब हो जा रही है। यानी किट में गड़बड़ है। कुछ लोगों में ‘सी’ लाइन रही, मगर ‘टी’ लाइन यानी दो लकीरें डिस्प्ले हुईं, मगर उसमें से ‘टी’ लाइन गायब हो गई। किट में यह उल्लेखित है कि अगर आधे घंटे के बाद कोई भी डिस्प्ले होता है तो उसे अवैध माना जाएगा, यानी वह वैलिड नहीं हैं। मान्य नहीं है। तकनीशियनों ने यह भी बताया कि किट के साथ आने वाला लिक्विड यानी वीटीएम भी कम आ रहा है।
60 प्रतिशत ही देती ही सही नतीजे एंटीजन किट में 60-65 प्रतिशत ही सही नतीजे आते हैं। यह कंफर्मेशन टेस्ट नहीं माना जाता। अगर व्यक्ति को लक्षण हैं और एंटीजन में रिपोर्ट निगेटिव आती है तो उसे आरटी-पीसीआर की सलाह दी जाती है। क्योंकि अगर वायरस लोड कम है तो एंटीजन किट में वायरस पकड़ नहीं आता है। मगर, आरटी-पीसीआर टेस्ट महंगा है। रिपोर्ट आने में 2 दिन तक का समय लगता,इसलिए एंटीजन और ट्रूनेट जैसी विकल्प को मान्यता दी है।
– डॉ. सीआर प्रसन्ना, प्रबंध संचालक, सीजीएमएससी