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रायपुर

मेडिकल पीजी की 49 नॉन क्लीनिकल सीट खाली, इन्हें भरने 50 परेंटाइल को गिराकर 30 और 30 कर दिया गया

अब तक सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के लिए पात्र होने के लिए 50 परसेंटाइल (366 अंक) और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को 40 परसेंटाइल (342 अंक) की आवश्यकता था। मगर, अब एक्सटेंडेड मॉपअप राउंड (काउंसिलिंग का चौथा राउंड) में 50 परेंटाइल को गिराकर 39 (275 अंक) और 40 परसेंटाइल को गिराकर 20 (252) कर दिया गया है।

रायपुरJul 17, 2020 / 04:07 pm

Karunakant Chaubey

मेडिकल पीजी की 49 नॉन क्लीनिकल सीट खाली, इन्हें भरने 50 परेंटाइल को गिराकर 30 और 30 कर दिया गया

मेडिकल पीजी की 49 नॉन क्लीनिकल सीट खाली, इन्हें भरने 50 परेंटाइल को गिराकर 30 और 30 कर दिया गया

रायपुर. प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों की ४९ पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) सीट पर तीन राउंड काउंसिलिंग के बाद भी खाली रह गईं। इनमें सभी सीट नॉन क्लीनिकल हैं। न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि देश के सभी राज्यों की यही स्थिति है। यही वजह है कि नेशनल बोर्ड ऑफ इग्जामिनेशन (एनबीई) ने 14 जुलाई को नया सुर्कलर जारी कर, सीट भरने के लिए परसेंटाइल (कट ऑफ मॉक्र्स) ही गिरा दिए।

अब तक सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के लिए पात्र होने के लिए 50 परसेंटाइल (366 अंक) और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को 40 परसेंटाइल (342 अंक) की आवश्यकता था। मगर, अब एक्सटेंडेड मॉपअप राउंड (काउंसिलिंग का चौथा राउंड) में 50 परेंटाइल को गिराकर 39 (275 अंक) और 40 परसेंटाइल को गिराकर 20 (252) कर दिया गया है।

चिकित्सा शिक्षा संचालनालय की काउंसिलिंग कमेटी ने नए सर्कुलर के मुताबिक एक्सटेंडेड मॉपअप राउंड के लिए ऑन-लाइन पंजीयन के लिए पोर्टल खोल दिया है। 17 जुलाई की रात 11:59 तक पंजीयन, 17 को आबंटन 18 को स्क्रूटनिंग और दाखिले की प्रक्रिया होगी। खाली रह गई नॉन क्लीनिकल सीट इस बात के साफ संकेत देती हैं कि अभ्यर्थियों को ये पसंद नहीं, यानी उन्हें प्रोफेसर बनकर पढ़ाने में रूचि नहीं। उन्हें पीजी डिग्री हासिल कर प्रैक्टिस करना पसंद है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल दाखिले के लिए ३१ जुलाई तक का समय बढ़ा दिया है, जो पूर्व में १८ मई तक था। विशेषज्ञों ने कहा- यह मेडिकल शिक्षा के साथ समझौता

विशेषज्ञों की मानें तो यह मेडिकल शिक्षा के साथ समझौता है। वहीं दूसरी तरफ इनका यह भी मानना है कि अगर सीट नहीं भरेंगे तो फिर मेडिकल कॉलेजों को प्रोफेसर कहां से मिलेंगे। ये मानते हैं कि बीते कई सालों से ऐसी स्थिति बनती है। मगर, आने वाले सत्र में न बनें, इसके लिए पूर्व नियम-शर्तों को रिवाइज करने की जरुरत है। अगर, हर साल परसेंटाइल गिराना पड़ता है तो परसेंटाइल का विकल्प समाप्त कर सीधे पंजीयन का विकल्प दिया जाए।

किस कॉलेज में कितनी सीट खाली-

कॉलेज- पीजी सीट

पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, रायपुर- एनाटॉमी 1, बायोकेमेस्ट्री 1, फिजियोलॉजी 1, फॉर्मेकोलॉजी 1 (कुल- 04)

सिम्स, बिलासपुर- फॉर्मेकोलॉजी 4, एनाटॉमी 3, बायोकेमेस्ट्री 3, फॉरेसिंक मेडिसीन 2, माइक्रोबॉयोलॉजी 1 (कुल- 13)

स्व. बलीराम कश्यप मेडिकल कॉलेज, जगदलपुर- फॉरेसिंग मेडिसिन 1 (कुल 01)

स्व. लखीराम अग्रवाल मेडिकल कॉलेज, रायगढ़- फिजियोलॉजी 3, पीएसएम 3 (कुल 06)

श्रीशंकराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, भिलाई- बायोकेमेस्ट्री 4, कम्यूनिटी मेडिसिन (पीएसएम) 4, पैथोलॉजी 4, माइक्रोबायोलॉजी 3, एनाटॉमी 3, फॉर्मेकोलॉजी 3, फिजियोलॉजी 2, फॉरेसिंक मेडिसिन 2 (कुल 25)

14 जुलाई को एनबीई की तरफ से सर्कुलर मिला, जिसके आधार पर एक और मॉप-अप राउंड करवाया जा रहा है। जिसमें पसेंटाइल को कम किया गया है।

-डॉ. जितेंद्र तिवारी, प्रवक्ता एवं सदस्य, काउंसिलिंग कमेटी, चिकित्सा शिक्षा संचालनालय

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