उद्योगों की जरूरत के हिसाब से बिजली विभाग की तैयारी नहीं
राजधानी सहित आसपास बढ़ते उद्योगों के अनुरूप बिजली की मांग को लेकर बिजली कंपनी की तैयारी काफी पीछे है। गौरतलब है कि प्रदेश में सरप्लस बिजली है। लेकिन ट्रांसमिशन कंपनी ने अपने संसाधनों को अपग्रेड नहीं किया। इसकी सजा डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी भुगत रही है।
इंडस्ट्रीज की मांग तो आ रही है
ट्रांसमिशन कंपनी मेंटेनेंस इएचटी वीके विश्वकर्मा ने कहा, इंडस्ट्रीज में अच्छी ग्रोथ के चलते मांग तो आ रही है। सेक्टर ए, सेक्टर सी उरला में उच्चदाब के दो नए ट्रांसफॉर्मर लग रहे हैं। कुथरैल में 220 केवीए का नया सब स्टेशन चालू हुआ है। इसमें सिलतरा का कुछ हिस्सा कवर होगा। उरला में सब स्टेशन के लिए जगह तलाश रहे हैं। अधिक जानकारी के लिए एमडी तृप्ती सिन्हा मैडम से बात कर लीजिए।
कंपनी से कई बार की मांग
उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन अध्यक्ष अश्वनी गर्ग ने कहा, उद्योग शुरू करने के लिए कई इंडस्ट्रीज ने आवेदन दिया था। जिसे बिजली कंपनी लाइन नहीं दे पाई। उनके पास बिजली तो पर्याप्त है लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है। बढ़ते उद्योगों को देखते हुए बेहतर सेवा के लिए कंपनी को पहले से ही तैयारी करनी चाहिए। कई इंडस्ट्रीज समय पर शुरू नहीं हो पाए। कंपनी के साथ ही हजारों रोजगार के अवसर भी रूक गए हैं। बिजली को इस पर गंभीता से ध्यान देने की जरूरत है।
सरकार की नीति पर उठ रहे सवाल
विभागीय जानकारी के अनुसार बढ़ते उद्योगों को देखते हुए ट्रांसमिशन कंपनी में इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता पूरी नहीं हो पाई थी। ट्रांसफॉर्मर में लोड नहीं बढ़ाया जा सकता था लेकिन लगातार मांग बढ़ रही थी। बावजूद इसके कंपनी ने ध्यान नहीं दिया। अब नतीजा ये है कि सरकार की उद्योग नीति पर ही बिजली नहीं मिल पाने की वजह से सवाल खड़े होने लगे हैं।
सबसे अधिक मांग उरला में
इंडस्ट्री लगाने के लिए सबसे अधिक आवेदन उरला क्षेत्र में आए हैं। लेकिन ट्रांसमिशन कंपनी की ओर से समय पर इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड नहीं करने का खामियाजा डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी भुगत रही है। उरला में इंडस्ट्रीज लगाने के 35 से अधिक आवेदन आए हैं। जरूरत के हिसाब से 220/232/23 केवीए के नए सब स्टेशन बनाए जाएंगे। लेकिन कंपनी को अभी तक जगह ही नहीं मिली है। जगह मिलने के बाद सब स्टेशन बनने में करीब दो साल लगेंगे।
इस मामले को लेकर गंभीर हूं, जल्द होगा समाधान
छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कंपनीज चेयरमैन शैलेंद्र शुक्ला ने कहा, इंडस्ट्रियल एरिया उरला में दो बड़े ट्रांसफॉर्मर लगने वाले हैं। इसके लिए तैयारी पूरी है। बीच में कुछ विवाद के चलते प्रक्रिया चार महीने देरी हुई। ट्रांसमिशन कंपनी ने ध्यान नहीं दिया। दूसरी तरफ टेंडर का काम भी रूका हुआ था। मैंने कंपनी में पद संभालते ही इस मामले को गंभीरता से लिया है। इसका निरीक्षण भी मैंने किया है। दोनों कंपनी के एमडी के साथ मिलकर जल्द मामले का निराकरण करेंगे।
फैक्ट फाइल
एरिया | आवदेन मांग | (केवीए में) |
सीटी साउथ | 5 | 6200 |
उरला | 35 | 25800 |
सिलतरा | 11 | 7500 |
कुल | 51 | 39500 |