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विभागीय अधिकारियों का कहना है ये वे मरीज हैं जिन्होंने अपना नाम, पता या मोबाइल नंबर गलत दर्ज करवाया था। या फिर कोरोना जांच केंद्र में फॉर्म भरते समय नाम लिखने में गलती हुई और मरीज नहीं मिले। सूत्रों के मुताबिक अपर कोरोना कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से जिला सीएमएचओ को निर्देशित किया था कि वे छूटे हुए लोगों को ढूंढे। इसके बाद कवायद शुरू हुई और फिर मरीजों की पहचान हुई। हालांकि अभी विभाग की तरफ से यह सार्वजनिक नहीं किया गया है कि मरीज किस-किस जिले हैं, इन 6 हजार में कितने मृत पाए गए।रिकवरी रेट में अंतर नहीं, यह 97.1 प्रतिशत
नए मरीजों की पहचान होने से सिर्फ कुल संक्रमित मरीज, स्वस्थ हुए मरीजों और मृतकों की संख्या में इजाफा होगा। मगर, इससे रिकवरी रेट में कोई अंतर नहीं आएगा। रिकवरी रेट 97.1 प्रतिशत बना हुआ है। गौरतलब है कि 22 सितंबर को 38,198 एक्टिव मरीज थे। तब रिकवरी रेट 45 प्रतिशत था, जो आज बढ़कर 97.1 प्रतिशत जा पहुंचा है। कोरोना कमजोर पड़ रहा है, इसलिए तो स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होती नजर आ रही है।
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विपक्ष ने भी उठाए थे सवाल
बीते दिनों भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने धान के आंकड़ों की तुलना कोरोना के आंकड़ों से कर दी थी। उन्होंने कहा था कि जैसे सरकार ने कोरोना के आंकड़ों को छिपाया, वैसे ही धान के आंकड़ों को छिपा रही है।