scriptOMG! यहां एग्जाम सेंटर में चल रहा था खुलेआम ये काम, छापेमारी में खुला चौंकाने वाला राज | 7 Munna Bhai caught in 10th and 12th Open examination in Raipur | Patrika News
रायपुर

OMG! यहां एग्जाम सेंटर में चल रहा था खुलेआम ये काम, छापेमारी में खुला चौंकाने वाला राज

छत्तीसगढ़ में मुन्नाभाईयों के एक बड़ा रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें संलिप्त 7 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, इसमें दो लड़कियां भी शामिल है।

रायपुरJan 18, 2018 / 03:18 pm

Ashish Gupta

7 Munna Bhai caught

परीक्षा केंद्र में पकड़ाए सात मुन्नाभाई, रुपए लेकर पास कराते थे 10वीं और 12वीं की परीक्षा

रायपुर . छत्तीसगढ़ की राजधानी के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) के 10वीं-12वीं ओपन एग्जाम में 7 मुन्नाभाइयों समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एनआईओएस के छत्तीसगढ़ रीजन डायरेक्टर से भी पूछताछ की जा रही है। रायपुर में एनआईओएस के डायरेक्टर एके भट्ट और परीक्षा केंद्र प्रभारी अरुण कुजूर की देखरेख में पूरी परीक्षा आयोजित होती है।

दरअसल, मामला यह है कि राजधानी के शंकरनगर स्थित डाइट परिसर में एनआईओएस कार्यालय में बुधवार को 10वीं-12वीं की परीक्षा चल रही थी। इसमें फर्जी परीक्षार्थियों के शामिल होने की सूचना पर सिविल लाइन पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने छापा मारा। परीक्षा हॉल में 9 लोग बैठे थे, जिसमें से 7 मुन्नाभाई निकले। वे दूसरे के स्थान पर परीक्षा दे रहे थे। प्रवेशपत्र में मूल विद्यार्थियों का फोटो व नाम था, लेकिन उनके स्थान पर दूसरे बैठे थे। उनके पास पहचान संबंधी कोई दस्तावेज नहीं थे। केवल दो मूल विद्यार्थी के रूप में परीक्षा दे रहे थे।

हर पेपर के 500-500 रुपए
ओपन परीक्षा के जरिए 10वीं-12वीं में अच्छे अंक दिलाने और परीक्षा में पास कराने के लिए विद्यार्थियों से 10 से 20 हजार रुपए में ठेका लिया जाता है। ठेका लेने वालों को केवल पैसा देना पड़ता है। बाकी प्रवेश पत्र से लेकर परीक्षा देने का काम मुन्नाभाइयों से कराया जाता है। परीक्षा में बैठने के एवज में मुन्नाभाइयों को एक-एक पेपर के 500-500 रुपए दिए जाते हैं।

पूरे फर्जीवाड़े में मुख्य भूमिका
डिग्री गल्र्स कॉलेज के वीकेश सिंह राठौर की बताई जा रही है। वीकेश ही एेसे छात्र-छात्राओं को लाता था, जिन्हें 10वीं-12वीं में उत्तीर्ण होना या अच्छे अंक लाना है। वीकेश के साथ मुकेश भी है। मुकेश राजस्थान का रहने वाला है। बताया जाता है कि वीकेश और मुकेश के संपर्क परीक्षा केंद्र प्रभारी अरूण से थे।

परीक्षा केंद्र में मूल विद्यार्थियों की पहचान करने की जिम्मेदारी अरुण और डायरेक्टर भट्ट की थी। प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस ने 7 मुन्नाभाइयों के अलावा गिरोह के वीकेश, मुकेश और अनुज आर्य को गिरफ्तार किया है। परीक्षा केंद्र प्रभारी अरूण की गिरफ्तारी का पुलिस ने अभी तक खुलासा नहीं किया है। आरोपियों पर धोखाधड़ी का मामला कायम किया गया है।

ये हैं ‘मुन्नाभाई’
देवेंद्र कुर्रे, शिवम् सिंह, सौरभ सिंह, सागर सिंह, शिव पहन, स्वाती वर्मा, स्वीटी सिंह (सभी छत्तीसगढ़ के सूरजपुर, बिहार, उत्तरप्रदेश निवासी) शािमल हैं। इनके ठहरने और खाने की व्यवस्था करने वाला आरोपी पुलिस की गिरफ्त से फरार है।

जानकारी नहीं है
एनआईओएस के रीजनल डायरेक्टर ए.के. भट्ट ने कहा कि परीक्षा संबंधी कार्य में सुरक्षा बरती जाती है। घटना के संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है।

भूमिका की हो रही जांच
रायपुर सिविल लाइन टीआई हेमप्रकाश नायक ने कहा कि प्रारंभिक जांच के आधार पर मूल परीक्षार्थियों के स्थान पर परीक्षा देने वाले 7 और फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ अपराध दर्ज कर सभी को हिरासत में लिया गया है। सभी से पूछताछ की जा रही है। डायरेक्टर की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

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