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रायपुर

सफाई, पाथवे व लाइटिंग में डूबे 9 करोड़, महाराजबंद की हालत फिर जस की तस

– तालाब के चारों तरफ पाथवे टूटा-फूटा, दो साल पहले बनी वाटिका में ताला

रायपुरMay 21, 2022 / 07:38 am

Dinesh Yadu

सफाई, पाथवे व लाइटिंग में डूबे 9 करोड़, महाराजबंद की हालत फिर जस की तस

9 crores immersed in cleaning, pathway and lighting

दिनेश यदु @ रायपुर. शहर के पुरानी बस्ती स्थित 500 साल से भी अधिक पुराने महाराजबंद तालाब (Maharajband Pond) के सौंदर्यीकरण के नाम पर नेताओं ने अपनी राजनीति खूब चमकाई। पिछले 6-7 सालों में इसके सौंदर्यीकरण पर करोड़ों रुपए फूंके भी गए। 9 करोड़ रुपए खर्च कर तालाब की सफाई, पाथवे निर्माण और लाइटिंग भी की गई। लेकिन अब फिर से तालाब पहले की तरह बदहाल हो गया है।
अधूरा सड़क निर्माण
2016 में महाराजबंद के सौंदर्यीकरण की गाथा जब शुरू हुई तो उस समय महाराजबंद तालाब से बूढ़ातालाब (Maharajband Talab to Budha Talab) जाने वाले मार्ग को बनाने के लिए बस्ती को हटाया गया। काफी विवादों के बाद सड़क निर्माण का कार्य शुरू हुआ। आज सड़क निर्माण तो हो गया है, लेकिन अभी भी कई काम बाकी है।
नालों का पानी तालाब में
नगर निगम व स्मार्ट सिटी (Municipal Corporation and Smart City) द्वारा तालाब में नाली का पानी ना जाए। इसके लिए प्रयास करने के बाद भी बूढ़ातालाब-वीरभद्र नगर और नेहरु नगर के नालों के गंदा पानी के अलावा तालाब के चारों तरफ बने घरों का गंदा पानी हर समय तालाब में गिरता है। इसके साथ-साथ शहर भर के पॉलीथीन व कुड़ा कचरा नाली के पानी के साथ सीधा महाराजबंद तालाब के पानी में मिल जाता हैं। तालाब में गंदा पानी के कारण आसपास के लोग जो नहाने के लिए तालाब जाते है, शरीर में खुजली होने लगती है।
सफाई, पाथवे व लाइटिंग में डूबे 9 करोड़, महाराजबंद की हालत फिर जस की तस
IMAGE CREDIT: Dinesh Yadu @ Patrika Raipur
जलकुंभी के नाम से हर साल खर्च
हर साल जलकुंभी निकासी के नाम से नगर निगम द्वारा लाखों रुपये सफाई के नाम से निकालने के बाद भी हर वर्ष गर्मी में जलकुंभी जस का तस हो जाता है। दिसंबर 2021 में नगर निगम व स्मार्ट सिटी द्वारा महाराजबंद तालाब की जलकुंभी की निकासी के सफाई अभियान चलाया गया था। महापौर एजाज ढेबर, पार्षद व निगम अधिकारी व कर्मचारियों ने अपना श्रमदान के साथ तालाब की सफाई में जेसीबी मशीन से लेकर ट्रकों से कचरा उठाने तक का ठेका 25 लाख 72 हजार में हुआ था, जिसका भुगतान भी हो चुका है। छह माह बाद फिर से जलकुंभी तालाब में बढ़ने लगा है। तालाब के पानी में बदबू जलंकुभी के कारण तालाब के पानी में दलदल व कई प्रकार के कीड़े पनप रहे हैं।
पार्क में ताला
दूधाधारी मंदिर (Dudhadhari Temple) के सामने तालाब के किनारे एक पार्क का निर्माण किया गया। वहां अब तक ताला लगा हुआ है। पार्क के नाम पर सिर्फ फूल व पौधे लगे हैं। जबकि पार्क में बच्चों के लिए फिसलपट्टी व झूले लगने थे।
महापौर एजाज ढेबर (Mayor Ejaz Dhebar) ने कहा कि महाराजबंद का कार्य अभी चल रहा है। दिसंबर तक महाराजबंद तालाब का सौंदर्यीकरण का कार्य पूर्ण हो जाएगा।
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