भीड़ को नियंत्रित नहीं कर पाई पुलिस बंद करनी पड़ी दुकान, दुकान के बाहर शाम 5 बजे तक बैठे रहे ग्राहक
रायपुर•May 22, 2020 / 05:29 pm•
ashok trivedi
शराब के बाद गुड़ाखू की दुकान में दिखाई देने लगी सर्वाधिक भीड़
नवापारा-राजिम. शराब के बाद सबसे ज्यादा भीड़ गुड़ाखू खरीदने के लिए देखी गई। जबकि राशन खरीदने किराना दुकानों में उतनी भीड़ नजर नहीं आई। वहीं ये तीनों दुकानें प्रतिदिन खुलती है। शराब और गुड़ाखू के लिए ज्यादा भीड़ देखकर लगता है कि लोगों को पेट से ज्यादा भूख नशे की है। क्योंकि शराब और गुड़ाखू दोनों नशीली चीजें हैं। वैसे देखा जाए तो सरकार के पास इन दोनो नशीली चीजों को बंद करने का लॉकडाउन सबसे अच्छा समय था। लोग 45 दिनों में शराब और गुड़ाखू का नशा भूल गए थे। मगर जैसे ही 45 दिनों बाद शराब दुकान खुलने की घोषणा हुई, शराबियों का शराब पीने का ज्वर बढऩे लगा और ऐसी भीड़ लगा बैठे मानों फ्र ी में बंट रही हो या फि र वर्षों बाद पीने को मिली हो। ठीक यही हाल गुड़ाखू का है। शराब दुकान खुलते ही उमड़ी भीड़ को तो पुलिस ने व्यवस्थित कर लिया था। मगर गुड़ाखू दुकान में उमड़ी भीड़ को पुलिस भी नियंत्रित नहीं कर पाई और अंतत: दुकान बंद करानी पड़ी। प्रात: 9 बजे खुली दुकान भीड़ के कारण 11 बजे बंद करनी पड़ी। इसके बाद दुकान खुलने के इंतजार में ग्राहक दुकान के सामने शाम 5 बजे तक बैठे नजर आए।
दलाली करने वालों की भीड़ अधिक नजर आई
गुड़ाखू के लिए उपभोक्ताओं की भीड़ कम मगर दलाली करने वालों की भीड़ अधिक दिखी। कारण है कि शराब की एक बोतल 60-70 रुपए में मिलती है तो वे उसे 80-90 रुपए तक ही बेच पाते हैं, उसके बाद शराब में रिस्क ज्यादा है। शराब की मात्रा ज्यादा पाई गई तो गाड़ी जब्ती और राजसात का लफ ड़ा भी रहता है। गुड़ाखू में रिस्क नहीं। गुड़ाखू यदि चिल्हर रेट में भी खरीदेगा तो 7 रुपए की डिब्बी 10 रुपए तक मिल जाती है और दलाल उसे 70-80 रुपए तक में बेच देते हैं। मुनाफे के नाम से दलालों का इससे अच्छा व्यापार नहीं है। फिर पुलिस का भी डर नहीं।