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रायपुर

कमल विहार पर स्टे के बाद अब अटल नगर भी आया जांच के दायरे में

आरडीए के प्रोजेक्ट कमल विहार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति नहीं मिलने के मामले में अब अटल नगर भी जांच के दायरे में आ चुका है

रायपुरMar 23, 2019 / 08:19 am

Deepak Sahu

Kamal Vihar

कमल विहार पर स्टे के बाद अब अटल नगर भी आया जांच के दायरे में

रायपुर. रायपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए) के प्रोजेक्ट कमल विहार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति नहीं मिलने के मामले में अब अटल नगर (नया रायपुर) भी जांच के दायरे में आ चुका है। आरडीए के कमल विहार की तर्ज पर अटल नगर विकास प्राधिकरण ने अटल नगर के लिए भी केंद्रीय मंत्रालय से अनुमति नहीं ली है।
इधर इस पूरे मामले में आरडीए ने उस नियम को चैलेंज किया है, जिसमें याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में दलीलें दी है कि केंद्रीय नियमों के अंतर्गत आरडीए को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति लेनी पड़ेगी। इस मामले में आरडीए के अधिकारियों का कहना है कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के नोटिफिकेशन नंबर-5 में यह साफ लिखा है कि आवासीय प्रोजेक्ट, टाउनशिप को केटेगरी बी की श्रेणी में रखा गया है, इसके लिए केंद्रीय मंत्रालय से अनुमति की आवश्यकता नहीं है। बल्कि, राज्य सरकार के पर्यावरण संरक्षण मंडल या कमेटी से अनुमति के बाद काम शुरू किया जा सकता है।
Kamal Viahr
इस मामले में आरडीए ने अपने वकील के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में जवाब पेश करने की तैयारी कर ली है। तब तक कमल विहार में सभी तरह के काम बंद कर दिए गए हैं। इस मामले में आरडीए के सीईओ नरेंद्र शुक्ला ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में पुख्ता दस्तावेजों के साथ जवाब पेश कर रहे हैं।

एक नजर में
कमल विहार- 1600 एकड
निवेशक- आवंटिती- लगभग 14000
कुल सेक्टर-15
जमीन मालिक-7000
फ्लैट मालिक- 8200

सेंट्रल बैंक के कान खड़े हुए
सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टे लगा दिए जाने के मामले में अब सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के कान खड़े हो चुके हैं, क्योंकि आरडीए ने सेंट्रल बैंक से 600 करोड़ रुपए का लोन लिया है। इस लोन को चुकाने के लिए आरडीए में कई बार बैंक से मोहलत मांगी। आरडीए को 600 करोड़ की राशि अदा करने के लिए अतिरिक्त समय नहीं दिया गया है।

ऐसे में सुुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रोजेक्ट पर स्टे लगने के मामले में बैंक प्रबंधन का फायनेंस विभाग भी सवालों के घेरे में आ चुका है, क्योंकि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति के बगैर कमल विहार के लिए करोड़ों की राशि कैसे स्वीकृति की गई।

खरीदी-बिक्री, लॉटरी, पेमेंट सब बंद
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति नहीं लिए जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच जाने के बाद कमल विहार में अभी सभी तरह के काम बंद कर दिए गए हैं। अभी फ्लैट्स की लॉटरी नहीं निकाली जा सकती, वहीं खरीदी-बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। आरडीए अभी कोर्ट के जवाब का इंतजार कर रहा है। कमल विहार के रहवासियों को इससे परेशानी नहीं होगी। कमल विहार में बिजली, पानी की सुविधाएं जारी रहेगी। इस पर रोक नहीं है।

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