मुख्यमंत्री नेे कहा कि राज्य में किसानों को उनकी उपज का बेहतर कीमत दी जा रही है। इसके अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को आर्थिक मदद दी जा रही है। इस राशि का उपयोग किसान परिवार के युवा मुर्गी पालन और मत्स्य पालन व्यवसाय में आगे बढऩे में कर सकते हैं। मुख्यमंत्री आज (१३ अक्टूबर) यहां अपने निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ पोल्ट्री फार्मर एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल से चर्चा कर रहे थे। उद्योग मंत्री कवासी लखमा इस मौके पर उपस्थित थे।
चर्चा के दौरान एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि मुर्गी खाद की मशरूम उत्पादकों के बीच अच्छी मांग है। इसमें नाइट्रोजन प्रचुर मात्रा में होता है। यदि मुर्गी खाद के प्रमाणीकरण की व्यवस्था की जाए, तो मुर्गी खाद का अच्छा मूल्य मिलने की संभावना बढ़ जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मुर्गी खाद के प्रमाणीकरण की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश में 90 प्रतिशत छोटे पोल्ट्री फार्म हैं। कोरोना संकट की वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा है। यदि राज्य शासन द्वारा विद्युत शुल्क में छूट दी जाती है तो इससे पोल्ट्री व्यवसायियों को बड़ा सहारा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार का आश्वासन दिया। मुर्गी दाने के रूप में उपयोग होने वाले मक्का और सोयाबीन का रकबा बढ़ाने के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि मक्का और सोयाबीन की खपत पोल्ट्री इंड्रस्ट्रीज में बढ़ती है, तो इन फसलों का रकबा बढ़ाने की पहल की जाएगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, छत्तीसगढ़ पोल्ट्री फार्मर एसोसिएशन के बहादुर अली, अंजुम मलिक, संजय ब्रम्हकर, गोंविद चंद्राकर, एम.के. वर्मा, रवि चंद्राकर उपस्थित थे।